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महाराष्ट्र के CM ने ऐसा क्या बयान दिया आइये जानते हैं विस्तार से
जनता से रिस्ता वेबडेसक | मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि इस राज्य (महाराष्ट्र) में आरोपी ही नहीं कई बार तो शिकायतकर्ता भी लापता हो जाते हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रूपए की वसूली का आरोप लगा चुके परमबीर कई जांच एजेंसीज के बुलाने के बावजूद उनके सामने आ नहीं रहे हैं। परमबीर के लिए कहा जा रहा है कि वे देश छोड़कर रूस या यूरोप के किसी देश में जा चुके हैं।
एंटीलिया विस्फोटक बरामदगी केस में भी NIA उनसे पूछताछ करना चाहती है। इसके अलावा उनके खिलाफ चांदीवाल कमीशन और सीबीआई का पूछताछ का समन है। ठाणे पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। CM औरंगाबाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के एनेक्सी इमारत के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।
न्याय करना एक आदमी का काम नहीं है: CM उद्धव ठाकरे
इसी कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हुए थे और उन्होंने भी कुछ अजीब मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा कि सांगोला तालुका में एक लंबित मुकदमे का आरोपी 1958 से फरार है और अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया। अब तो भगवान ही जाने कि वह अब है भी या नहीं।
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए CM उद्धव ठाकरे ने कहा, 'यहां तो शिकायत दर्ज कराने के बाद शिकायतकर्ता लापता हो जाता है। ऐसी स्थिति में वाकई ध्यान देने की जरूरत है। अब वो शिकायत दर्ज हुई है तो जांच भी होगी ही, जांच हो भी रही है, लेकिन कोई सीमा या हद तो होनी ही चाहिए। न्याय करना किसी एक आदमी का काम नहीं है, ये तो सामूहिक काम है। कई लोग इस न्यायिक प्रक्रिया टीम का हिस्सा होते हैं।'
एक भी खंभा कमजोर हुआ तो लोकतंत्र की छत कमजोर होगी
ठाकरे ने आगे कहा कि लोकतंत्र जिम्मेदारी वाली छत है जिसमें जिम्मेदारी के खंभों के रूप में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया के कंधे हैं। न्यायपालिका पर दबाव का मतलब लोकतंत्र पर दबाव है। कोई एक खंभा भी कमजोर होगा तो लोकतंत्र की छत कमजोर होगी। फिर कोई खंभा भी नहीं होगा और छत गिरने के बाद खंभे का कोई अर्थ भी नहीं होगा।'
अपराध रोकने के उपाय तेज होने चाहिए
ठाकरे ने कहा कि 'अपराध रोकने के उपाय तेज करने जरूरी हैं। लेकिन मेरी निगाह में अपराध खत्म हो जाएं। अदालतें भी खाली होनी चाहिए, कोई विवाद न हो।'