महाराष्ट्र

छगन भुजबल के बयान पर बवाल, कहा- ब्राह्मण समाज में कोई भी अपने बच्चे का नाम शिवाजी-संभाजी नहीं रखता

SANTOSI TANDI
21 Aug 2023 2:25 PM GMT
छगन भुजबल के बयान पर बवाल, कहा- ब्राह्मण समाज में कोई भी अपने बच्चे का नाम शिवाजी-संभाजी नहीं रखता
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कोई भी अपने बच्चे का नाम शिवाजी-संभाजी नहीं रखता
महाराष्ट्र :में एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल के बयान पर राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है. भुजबल ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि ब्राह्मण समाज में कोई भी अपने बच्चे का नाम शिवाजी या संभाजी नहीं रखता है. बयान के बाद ब्राह्मण समाज मंत्री पर हमलावर हो गया. ऐसे में विवाद बढ़ते देख भुजबल की सफाई भी सामने आ गई है.
जानकारी के मुताबिक, मराठा विद्या प्रसारक द्वारा समाजदिन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में छगन भुजबल बतौर अतिथि शामिल हुए थे. कार्यक्रम में बोलते हुए भुजबल ने कहा, कुछ लोग कहते हैं की आप इधर गए, उधर गए, कहीं भी चला जाऊं तब भी फुले, शाहू, अंबेडकर, छत्रपति की विरासत हम छोड़ेंगे नहीं.
उन्होंने आगे कहा, कुछ समय पहले अशोक राव ने कहा मुझे अच्छा लगा, वो संभाजी भिडे नहीं बल्कि उसका नाम मनोहर कुलकर्णी है, लेकिन लोगों में भ्रम पैदा करने के लिए. ब्राह्मण समाज अगर बुरा न माने तो सच कहूं किसी भी ब्राह्मण घर में शिवाजी, संभाजी नाम नहीं रखा जाता है. बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी ब्राह्मण समाज से आते हैं.
‘मेरे बच्चे हुए तो मैं नाम जरूर रखूंगा’
कुछ घंटे बाद बयान पर हंगामा होते देख भुजबल ने कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि अपने बच्चों के नाम शिवाजी रखो. हमारे बहुजन समाज में शिवाजी संभाजी, धनाजी है. अगर मेरे बच्चे हुए तो उनका नाम शिवाजी संभाजी जरूर रखूंगा. छगन भुजबल हाल ही में एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बने हैं और फिलहाल वो खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
पहले भी विवादों में रह चुके हैं भुजबल
छगन भुजबल पिछले साल भी अपने एक विवादित बयान को लेकर चर्चा में थे. तब वो शिंदे सरकार का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने अखिल भारतीय समता परिषद के कार्यक्रम में कहा था कि सरस्वती या शारदा मां के आगे माता लगाया जाता है, लेकिन इन्हें किसी ने देखा नहीं है. इससे अच्छा है कि स्कूलों में फुले अंबेडकर कर्मवीर भाऊराव पाटील का फोटो लगाया जाए. तब बीजेपी नेताओं ने भुजबल के बयान की आलोचना किया था और कहा था कि आखिरी उन्हें हिंदू देवी-देवताओं से इतनी नफरत क्यों है?
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