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महाराष्ट्र
डेंगू के एक मरीज पर उपचार शुरू, नागरिकों में डेंगू का खौफ; मनपा प्रशासन की ओर से सतर्कता चेतावनी
Admin4
5 Sep 2022 5:15 PM GMT
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अकोला. कोरोना संकट खत्म नहीं तो शहर और जिले में डेंगू का संकट मंडरा रहा है. सरकारी अस्पताल में डेंगू के एक मरीज के भर्ती होने की सूचना है. हालांकि निजी अस्पताल में भी मरीजों पर इलाज किया जाता है, लेकिन प्रशासन को निजी अस्पतालों से मरीज की जानकारी नहीं मिलती है. इसलिए निजी अस्पतालों में दाखिल संबंधित क्षेत्र के नागरिकों के लिए किए जानेवाले निवारक उपायों में बाधा उत्पन्न होती है. इस बीच मनपा प्रशासन की ओर से शहर के नागरिकों के लिए सतर्कता की चेतावनी दी गयी है.
कोरोना संकट के काबू में आने के बाद शहर में डेंगू जैसा बुखार सामने आया है. निजी अस्पतालों में वायरल फ्लू और डेंगू जैसे बुखार के मरीज बड़ी संख्या में भर्ती हैं. देखने में आया है कि निजी अस्पतालों में बाल रोगियों की संख्या अधिक है. मरीजों पर तेज बुखार, सिर दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आदि लक्षणों का इलाज किया जा रहा है. शहर के विभिन्न हिस्सों में मच्छरों के बढ़ने से बुखार के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार बड़ी संख्या में मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है और उनमें से कई में डेंगू के लक्षण दिख रहे हैं. रैपिड डेंगू जांच से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर इन मरीजों का लक्षणात्मक रूप से डेंगू जैसा इलाज किया जा रहा है. लेकिन सरकार आंकड़ों के अनुसार मनपा क्षेत्र में फिलहाल दो ही संदिग्ध मरीज हैं.
वहीं दूसरी ओर शहर व आसपास की बस्तियों में खुले भूखंडों पर भारी मात्रा में बारिश का पानी जमा हो जाता है. जिससे मनपा प्रशासन द्वारा व्यापक प्रतिबंधात्म उपाय करने की आवश्यकता है. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इसलिए, अगले कुछ दिनों में डेंगू और कीट जनित बीमारियों का प्रसार बढ़ने की उम्मीद है. निजी अस्पतालों में डेंगू जैसे मरीजों का एनएस 1 और आईजीएम, आईजीजी कार्ड टेस्ट किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार इलाज किया जाता है. लेकिन डेंगू के निदान के लिए सरकार द्वारा एलाइजा परीक्षण को विश्वसनीय माना जाता है. इस परीक्षण में, वीआरडीएल प्रयोगशाला में एक संदिग्ध रोगी के रक्त के नमूने का परीक्षण किया जाता है. समय लगने वाली प्रक्रिया के कारण मरीज आर्थिक बोझ को उठाकर निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं.
जनजाग्रति सहित छिड़काव जारी
महानगर पालिका क्षेत्र के चारों जोन में मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए मलेरिया विभाग की ओर से छिड़काव का काम चल रहा है. सभी क्षेत्रों में पानी जमा न होने देने के साथ साथ सतर्क रहने की सूचना दी जा रही है. साथ ही शहर को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए इस वर्ष सिर्फ एक दिन जनजागरूकता की जगह मलेरिया जागरूकता वर्ष के रूप में पूरे वर्ष मनाया जा रहा है.
इस वर्ष मनपा क्षेत्र में कहीं भी मलेरिया का प्रकोप नहीं हुआ है और न ही मलेरिया से एक भी मौत हुई है. इस वर्ष डेंगू रोग से केवल एक मरीज की मौत हुई है और मलेरिया विभाग के तहत ई-वाहन स्प्रे मशीन द्वारा पूरे शहर में मच्छर प्रतिबंधक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. जिस इलाके में मरीज मिला है उसे क्षेत्र में भी छिड़काव किया जा रह है. ऐसी जानकारी मनपा जीव विज्ञान विशेषज्ञ एवं चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डा.अस्मिता पाठक ने दी है.
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