महाराष्ट्र

मुंबई की मेयर विपक्षी नेताओं पर भड़कीं, बोली- 'मैंने यह नहीं कहा कि 20,000 केस आने पर लॉकडाउन लगेगा'

Deepa Sahu
8 Jan 2022 7:32 AM GMT
मुंबई की मेयर विपक्षी नेताओं पर भड़कीं, बोली- मैंने यह नहीं कहा कि 20,000 केस आने पर लॉकडाउन लगेगा
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मुंबई में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन की आशंकाओं और इनसे निपटने में विपक्ष की ओर से लगातार हो रही.

मुंबई में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन की आशंकाओं और इनसे निपटने में विपक्ष की ओर से लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर (Kishori Pednekar, Mayor Mumbai) आज ना सिर्फ मुंबई में लॉकडाउन को लेकर स्थिति स्पष्ट की, बल्कि विरोधियों को भी इस मामले में कंफ्यूजन पैदा करने और लॉकडाउन का भय बढ़ाने का आरोप लगाया. किशोरी पेडनेकर ने कहा कि, ' मुझे अंग्रेजी नहीं आती. मेरी मराठी में कही गई बातों के अर्थ का अनर्थ कर विपक्ष के कुछ नेता जनता में कोरोना की स्थितियों और लॉडडाउन का डर दिखा रहे हैं और हम नहीं, विपक्षी नेता पैनिक पैदा कर रहे हैं.'

मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि, ' मुंबई में जो 20 हजार केस आ रहे हैं उनमें से 17 हजार केस मामूली लक्षण या बिना लक्षणों वाले हैं. सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इनमें से एक भी आईसीयू पेशेंट नहीं है. संकट कोई भी हो, हम घबराते नहीं. बीएमसी की तैयारी पूरी है. विपक्षी नेताओं के लिए कुर्सी में बैठ कर गांजा पीते हुए आलोचना करना आसान है. लेकिन स्थितियों को देखते हुए बीएमसी काम कर रही है. कोरोना की संख्या स्टेबल है. इसलिए फिलहाल लॉकडाउन का सवाल नहीं है. मैंने कभी नहीं कहा था कि 20 हजार केस सामने आने लगेंगे तो मुंबई में लॉकडाउन लगेगा ही.'
'कोरोना का डर दिखाकर सत्ताधारी कोविड सेंटरों का इस्तेमाल कमाई के लिए कर रहे हैं'
मुंबई की मेयर आज (8 जनवरी, शनिवार) बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जंबो कोविड सेंटर में स्थितियों का जायजा लेने पहुंची थीं. वहीं वे पत्रकारों से बातचीत करते हुए विपक्षी नेताओं द्वारा की गई आलोचनाओं का जवाब दे रही थीं. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी कोविड सेंटरों का इस्तेमाल सिर्फ कमाई के लिए कर रहे हैं. इसी लिए जनता में कोरोना की तीसरी लहर का डर पैदा किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि, 'अपना राजनीतिक वजन बढ़ाने के लिए, कमाई बढ़ाने के लिए कोरोना की तीसरी लहर का डर दिखाया जा रहा है और लॉकडाउन की धमकी दी जा रही है.मैं जल्दी ही कोविड जम्बो सेंटर के नाम पर घोटाले से जुड़े सबूत सामने लाऊंगा.'

किरीट सोमैया ने कहा था कि, 'ओमिक्रॉन के 95 फीसदी मरीजों को इलाज की जरूरत पड़ती ही नहीं है. दो-तीन दिनों में लोग ठीक हो जाते हैं. ऐसे बहुत कम लोगों को, जिन्हें कोई अन्य बीमारी भी है, अधिक खयाल रखने की जरूरत है.'

'जब तक ऑक्सीजन की मांग 700 मीट्रिक टन नहीं, तब तक लॉकडाउन नहीं'
बता दें कि जनवरी महीने में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के बावजूद इलाज के लिए फिलहाल राज्य में 424 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दो दिनों पहले यह स्पष्ट किया था कि जब तक ऑक्सीजन की मांग हर रोज 700 मीट्रिक टन तक नहीं पहुंच जाती और अस्पतालों में 40 फीसदी से ज्यादा बेड नहीं भर जाते, तब तक राज्य में लॉकडाउन की स्थिति नहीं होगी. ऐसे में अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है. बस कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करते रहना और वैक्सीनेशन को तेज रखना जरूरी है.
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