महाराष्ट्र

जनप्रतिनिधियों की मंशा अहम: विधायक सिद्धार्थ शिरोले

Rani Sahu
9 Oct 2022 11:25 AM GMT
जनप्रतिनिधियों की मंशा अहम: विधायक सिद्धार्थ शिरोले
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पुणे : जन प्रतिनिधि (Public Representative) को प्रशासन (Administration) और नागरिकों (Citizens) के बीच समन्वयक के रूप में कार्य करना चाहिए। प्रशासन की नकारात्मक भूमिका सकारात्मक हो सकती है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों की मंशा भी अहम है, ऐसी राय विधायक सिद्धार्थ शिरोले (MLA Siddharth Shirole) ने व्यक्त की।
ट्रैफिक जाम को हल करने के लिए निरंतर प्रयास
शहर के अन्य हिस्सों की तरह शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में भी ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर हो गई है। इस समस्या के समाधान के लिए मैं यातायात पुलिस, महापालिका प्रशासन और स्थानीय नागरिकों की संयुक्त बैठक कर विकल्प या रास्ते खोजने पर ध्यान केंद्रित करता हूं। इसके मुताबिक घोले रोड, मॉडल कॉलोनी आदि में सर्कुलर ट्रैफिक सिस्टम बनने से यहां पर ट्रैफिक जाम कुछ हद तक कम हुआ है। गणेशखिंड रोड, सेनापति बापट रोड, पुराने पुणे-मुंबई हाइवे, शिवाजी नगर कोर्ट जैसे स्थानों पर ट्रैफिक जाम को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल गणेशखिंड रोड और पुराने पुणे-मुंबई हाइवे पर मेट्रो प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। इसलिए मैंने ट्रैफिक जाम से नागरिकों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए बैठक कर वैकल्पिक मार्ग से यातायात को डायवर्ट किया है, ऐसा शिरोले ने कहा।
विद्यापीठ चौक में फ्लाईओवर का जल्द निर्माण
गणेशखिंड रोड स्थित विद्यापीठ चौक में दो मंजिला फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। इस स्थल पर मेट्रो लाइन बनाने का काम चल रहा है। इस मेट्रो लाइन का निर्माण पीएमआरडीए कर रहा है। इस पुल का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा करने की योजना थी। इस संबंध में बैठक लेकर इस पुल की निर्माण योजना में बदलाव कर इस काम को दिसंबर 2023 तक पूरा करने की योजना तैयार की है। यदि यह कार्य समय से पूरा हो जाता है तो वाहन चालकों को एक वर्ष से पहले जाम से निजात मिल जाएगी, ऐसा विश्वास शिरोने ने व्यक्त किया।
शौचालय के लिए उच्च भंडारण क्षमता वाले टैंक
शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र का 50 प्रतिशत क्षेत्र बस्ती विभाग में पडता है। मैंने बस्ती संपर्क अभियान करके हर बस्ती का दौरा किया है। इन बस्तियों में सार्वजनिक शौचालयों की सफाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा पाया गया है। इन टटंकियों की भंडारण क्षमता कम है, यह इसके पीछे का अहम कारण है। इस कारण इन शौचालयों के लिए उच्च जल भंडारण क्षमता वाले टैंक बनाना आवश्यक है, उसके लिए भी योजना तैयार करने की आवश्यकता है, ऐसा शिरोले ने कहा।
जलपर्णी, निर्मल्य और पहाड़ियों को लेकर काम करेंगे
नदियों और झीलों में बनने वाले जलपर्णी को खत्म करना जरूरी है। इससे पहले नगरसेवक के रूप में कार्य करते हुए जलपर्णी के मुद्दे को महानगरपालिका के समक्ष हमेशा रखा। जलपर्णी को मिटाने में 'ठाणे मॉडल' सफल रहा है, इस मॉडल का पुणे में उपयोग करने का प्रयास करेंगे। उसके साथ इस निर्वाचन क्षेत्र में बहुत सारी पहाड़ियाँ हैं। इसकी जैव विविधता के प्रति यहां के पर्यावरणवादी और नागरिक बहुत संवेदनशील हैं। इस क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य या पर्यावरण परियोजना को लागू करते समय वहां के नागरिकों की राय जानने के बाद किया जाना चाहिए, ऐसा भी शिरोले ने कहा।
बीजेपी के विचार और कार्य अच्छा
पिछले पांच साल में महानगरपालिका में बीजेपी की सत्ता थी। इस दौरान पूर्व मेयर मुक्ता तिलक और मुरलीधर मोहोल के नेतृत्व में बीजेपी ने महानगरपालिका में अच्छा काम किया है। खासकर पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल ने बेहतरीन काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सहयोग से पुणे में मेट्रो परियोजना के साथ कई विकास कार्य शुरू हो गए हैं। नदी तट को सुधारने का काम शुरू हो गया है। भले ही विरोधी आज आलोचना कर रहे हों, बीजेपी के विचार और कार्य हमेशा अच्छे रहे हैं, पुणे महानगरपालिका के अगले चुनाव में भी जीत दर्ज कर बीजेपी सत्ता में वापस आएगी, ऐसा शिरोले ने कहा।

सोर्स - नवभारत.कॉम

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