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महाराष्ट्र
ठाणेकरों को है कलवा खाड़ी पुल की जरूरत, इतने वर्षों से चल रहा ब्रिज का काम, फिर भी अधूरा
Rani Sahu
5 Sep 2022 1:06 PM GMT
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ठाणे : कलवा खाड़ी पर ब्रिटिश कालीन ब्रिज की जर्जर अवस्था में होने के बाद महानगरपालिका प्रशासन की तरफ से शुरू तीसरे निर्माणाधीन पुल का कार्य प्रगति पथ पर है। काम की शुरुवात के सात वर्ष बाद भी कलवा खाड़ी पर निर्माणाधीन तीसरे पुल का काम पूरा नहीं हो पाया है। जिसके चलते ठाणे के लोगों की परेशानी बढ़ी है। इसके चलते कलवा, खारेगांव-बेलापुर मार्ग की तरफ जाने वाले वाहनों को लगातार ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। पुल के एक लेंन को दिसंबर 2021 में शुरू किया जाना था लेकिन नहीं शुरू हुआ। उसके बाद मई और जून 2022 की डेडलाइन दी गयी। फिर जुलाई 2022 के अंत तक साकेत परिसर और पुलिस कमिश्नर कार्यालय के पास के दो लेंन को शुरू करने की बात कही गयी, लेकिन अभी यह संभव नहीं है। आगे कब शुरू होगा इस बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2011 में 10 करोड़ रुपए पुल के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था लेकिन आज लागत बढ़कर 183 करोड़ हो गई है। निर्माण की शुरुआत के बाद 36 महीने में पुल बनकर तैयार होना था लेकिन सात साल का लम्बा समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। ठाणे से विटावा तक एक तरफा पुल होगा। विटावा से आने वाले वाहनों के लिए पुराना पुल एक विकल्प है। पुल ठाणे से खारेगांव (मनीषा नगर) और विटावा से ठाणे – बेलापुर तक उतरेगा। पुल कलवा से ठाणे आते हुए साकेत, जेल तालाब और कोर्टनाका होते ठाणे स्टेशन पर उतरेगा। पूल केबल स्टेड टाइप है और 2.5 किमी लंबा है। ठाणे और कलवा को जोड़ने वाले पहले पूल का निर्माण 150 साल पहले हुआ था। पुल के पुराना होने और ब्रिटिश सरकार द्वारा नोटिस भेजे जाने और उसका आयुर्मान समाप्त होने के चलते 10 साल पहले उक्त पुल को बंद किया गया। उसके बगल में दूसरा पुल आवागमन के लिए कार्यरत है। इसके अलावा तीसरा पुल निर्माणाधीन है।
तीन वर्ष बजाय लगे सात वर्ष
वाहनों चालकों और कलवा वासियों की समस्याओं को देखते हुए महानगरपालिका प्रशासन ने वर्ष 2014 में कलवा खाड़ी पर ही तीसरे पूल का निर्माण करने की शुरुवात की। इस पूल के निर्माण का कुल लागत 183 करोड़ 66 लाख 61 हजार 353 रूपए है। इसके लिए 12 सितंबर, 2014 को पुल के निर्माण का वर्क ऑर्डर महानगरपालिका प्रशासन की तरफ से पूल बनाने वाली कंपनी को दिया गया था। इस पल के निर्माण की कुल कालावधि तीन साल थी। अर्थात इस पूल का निर्माण सितंबर 2017 तक हो जाना चाहिए था लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक इस पूल का निर्माण कार्य चल रहा है।
पुल के निर्माण में देरी का मुख्य कारण
पुल के निर्माण में देरी होने के संदर्भ में महानगरपालिका सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग का कहना है कि पुल का कुछ हिस्सा सीआरजेड के अंतर्गत आता है। जिसकी मंजूरी मिलने में देरी हुई। साथ ही यहाँ पर शास्त्री नगर की कुछ झोपड़िया भी बाधक थी। जिसे हटाने में समय लगा। इसके अलावा मेरीटाईम बोर्ड, वन विभाग और महाराष्ट्र पर्यावरण नियंत्रण मंडल के पास से अनुमति लेना था। जिसके कारण इन विभागों से अनुमति मिलने में देरी हुई और पुल का निर्माण कार्य पर इसका असर पड़ा। साथ ही पिछले साल वैश्विक महामारी कोरोना के दस्तक देने से कामगारों ने पलायन कर दिया था और तीन महीने लगातार लॉकडाउन के चलते भी पूल के निर्माण कार्य को करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
सिर्फ दो मार्गों को खोलने का विचार
महानगरपालिका प्रशासन का कहना है कि कलवा खाड़ी के तीसरे पूल के अंतर्गत साकेत की तरफ से कलवा छत्रपति अस्पताल की तरफ जाने वाली मार्गिका वाहनों और पादचारियों के लिए बनाया जा रहा है। इसका हिस्सा सीआरजेड के तहत आता है और मंजरी मिलने में देरी हुई है। जिसके कारण इस मार्गिका को बनाने में अभी छह महीने से अधिक का समय जाने वाला है। लेकिन सड़कों की तरफ से कलवा नाका के लिए आने वाली मार्गिका और सेंट्रल जेल से बेलापुर की तरफ जाने वाली मार्गिका का काम 85 फीसदी पूरा हो चूका है और इसे दिसंबर महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
"कलवा खाड़ी पर बन रहे तीसरे पूल के दो मार्गिकाओं का काम अंतिम चरण में है। जोकि जल्द ही पूरा हो जाएगा। इन दोनों मार्गिकाओं को जल्द से जल्द खोलने का विचार चल रहा है। शेष एक मार्ग के कामों में देरी होगी। जिसे अगली दिवाली तक शुरू किया जाएगा।" -(प्रशांत सोनाग्रा,नगर अभियंता, ठाणे महानगरपालिका)।
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