- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- जल्दबाजी में फैसले...
महाराष्ट्र
जल्दबाजी में फैसले लेने के आरोप में चुनाव आयोग के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा ठाकरे गुट
Rani Sahu
10 Oct 2022 10:12 AM GMT
x
केंद्रीय चुनाव आयोग के खिलाफ उद्धव ठाकरे धड़े ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आयोग द्वारा शिवसेना के चुनाव चिन्ह के धनुष-बाण पर रोक लगाने के बाद चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दायर की गई है। उद्धव ठाकरे गुट का आरोप है कि चुनाव आयोग ने हमारे द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की ठीक से जांच न करके पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से इस मामले की तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन भी किया गया था, हालांकि मामले की सुनवाई आज या कल हो सकती है। शिवसेना द्वारा पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की अटकलें थीं लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।
शिवसेना नेता अनिल देसाई ने आरोप लगाया कि पार्टी द्वारा शनिवार को आयोग को एक पत्र भेजा गया था लेकिन उन्होंने तुरंत निर्णय लिया और जल्दबाजी में हमें समय भी नहीं दिया गया। देसाई ने कहा कि हमने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कई मुद्दे उठाए हैं। हमने पार्टी के संविधान और पदाधिकारियों का भी जिक्र किया है। हम उम्मीद करते हैं अदालत इस पर गहराई से विचार करेगी। देसाई ने कहा कि आयोग के अंतरिम फैसले से ऐसा लगता है कि नैसर्गिक न्याय मिलने में रुकावट आ सकती है. इसलिए हम याचिका दायर कर रहे है।
चुनाव आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। आयोग ने दोनों को सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टियों के लिए तीन नए नाम और चुनाव चिह्न सुझाने को कहा है। आयोग ने अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव की स्थिति में शिंदे गुट के अनुरोध पर अंतरिम आदेश जारी किया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की थी कि उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया जाए। उद्धव ने दावा किया था कि उनके पास संगठन और विधायक दल के साथ-साथ कार्यकर्ताओं का भी भारी बहुमत है। बहुमत का दावा करते हुए उद्धव ने कहा कि उनके पास 14 विधायकों, 12 एमएलसी, सात लोकसभा सांसदों, तीन राज्यसभा सांसदों का समर्थन है। उद्धव ने यह भी लिखा कि एकनाथ शिंदे गुट को किसी विधायक और सांसद का समर्थन नहीं है क्योंकि उनके खेमे के 40 विधायकों और 12 सांसदों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही चल रही है।
सोर्स - JANBHAWANA TIMES
Next Story