महाराष्ट्र

बच्चों के अपहरण, हत्या की आरोपी बहनों को मृत्युदंड का समर्थन, महाराष्ट्र सरकार ने कही यह बात

Deepa Sahu
22 Dec 2021 5:40 PM GMT
बच्चों के अपहरण, हत्या की आरोपी बहनों को मृत्युदंड का समर्थन, महाराष्ट्र सरकार ने कही यह बात
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महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से बुधवार को कहा कि उसने 1990 और 1996 के बीच 14 बच्चों के अपहरण व उनमें से पांच की हत्या के मामले में दोषी करार दी गई।

मुंबई, महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से बुधवार को कहा कि उसने 1990 और 1996 के बीच 14 बच्चों के अपहरण व उनमें से पांच की हत्या के मामले में दोषी करार दी गई रेणुका शिंदे और सीमा गावित नाम की बहनों को सुनाई गई मौत की सजा का समर्थन किया है। सत्र अदालत ने पूरे महाराष्ट्र को स्तब्ध कर देने वाले जघन्य अपराध के लिए दोनों बहनों को 2001 में मौत की सजा सुनाई थी।सरकारी वकील अरूणा पाई ने न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एस. वी. कोतवाल की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से बयान दिया। अदालत ने पिछले शनिवार को पुनर्विचार याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए सरकारी वकील से अपना रुख बताने को कहा था।

पाई ने कहा, ''अपराध की गंभीरता पर विचार करते हुए, हमने मौत की सजा का समर्थन किया है। यदि अदालत इसे उम्र कैद में तब्दील करती है तो यह उनकी स्वाभाविक मौत तक होनी चाहिए।'' शिंदे और गावित के खिलाफ कोल्हापुर में 14 बच्चों का अपहरण करने और उनमें से पांच की हत्या करने को लेकर मुकदमा चला था। उन्हें 2001 में दोषी करार दिया गया था। उच्च न्यायालय ने 2004 में उनकी मौत की सजा की पुष्टि की और उच्चतम न्यायालय ने 2006 में उसे बरकरार रखा।हालांकि, अक्टूबर 1996 से हिरासत में रखी गई दोनों बहनों ने 2014 में उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर राज्य द्वारा उनकी दया याचिकाओं का निस्तारण करने में विलंब किये जाने का हवाला देते हुए मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दलील दी थी कि विलंब के चलते उनके मूल अधिकारों का हनन हुआ है। उच्च न्यायालय आने वाले समय में याचिका पर आदेश जारी करेगा।


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