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मुंबई। फाइव-जी नेटवर्क के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ कार्यक्रम के लिए चुने गए पनवेल के एक स्कूल के छात्रों (school students) से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खुद भी छात्र बन गए। कुर्सी के बजाय उन्होंने बेंच पर बैठना पसंद किया और छात्रों से बातचीत करते हुए 5-जी का महत्व बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम क्रांतिकारी क्षण के साक्षीदार हैं, इससे शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, बैंकिंग सहित सभी क्षेत्रों में क्रांति होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के हाथों शनिवार को देशव्यापी 5-जी तकनीक का शुभारंभ हुआ। इसमें वर्चुअल क्लास रूम के लिए महाराष्ट्र के रायगड जिले की पनवेल महानगरपालिका के सावित्री बाई फुले स्कूल क्रमांक 8 के आठ छात्रों का चयन किया गया था। इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे उपस्थित थे। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने कुर्सी के बजाय बेंच पर बैठकर देखना पसंद किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि वे उनके साथ आज छात्र बन गए हैं। राष्ट्रीय शुभारंभ कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के कई स्कूली छात्रों से ऑनलाइन बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5-जी तकनीक की वजह से इंटरनेट की स्पीड बढ़ जाएगी। इसका सबसे अधिक फायदा शिक्षा क्षेत्र को होगा और छात्रों को अच्छा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल होगी। उन्होंने छात्रों से कहा कि इंटरनेट की बढ़ी स्पीड का फायदा गेम्स या फिल्म डाउनलोड करने के लिए बल्कि अध्ययन करने के लिए होना चाहिए।
राष्ट्रव्यापी शुभारंभ कार्यक्रम के लिए पनवेल के स्कूल के चयन पर मुख्यमंत्री ने छात्रों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि नई तकनीक से छात्रों को डिजीटल विजुअल माध्यम से विषयों को समझने में आसानी होगी और स्कूल की कक्षाएं सामान्य न रहते हुए स्मार्ट कक्षाएं बन जाएंगी।
इस मौके पर गृह रक्षक दल नागरी संरक्षण के अपर पुलिस महासंचालक बृजेश सिंह ने 5-जी तकनीक के बारे में छात्रों को आसान शब्दों में जानकारी दी। इस मौके पर सिंह ने 1-जी से 5-जी तक टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के सफर को तस्वीरों के जरिए समझाया। इस अवसर पर विधायक प्रशांत ठाकुर, जिला अधिकारी महेंद्र कल्याणकर, पनवेल महापालिका के आयुक्त गणेश देशमुख आदि उपस्थित थे।
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