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मुंबई। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की कुर्सी पर उनके बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) के बैठे होने की तस्वीर वायरल कर राष्ट्रवादी कांग्रेस ने श्रीकांत शिंदे पर निशाना साधा। राकांपा ने इस मामले में महाराष्ट्र से माफी मांगने की मांग की है।
युवक राष्ट्रवादी के नेता रविकांत वरपे ने कहा कि श्रीकांत शिंदे को सुपर सीएम बनने की हार्दिक शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उनके चिरंजीव मुख्यमंत्री पद संभाल रहे हैं। लोकतंत्र का गला घोंटने का काम शुरू है, यह कौन सा राजधर्म है? वहीं राकांपा प्रवक्ता महेश तपासे ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर अधिकारियों को आदेश देने वाले सांसद श्रीकांत शिंदे क्या आप सुपर सीएम बन गए हैं? वायरल फोटो में श्रीकांत शिंदे जिस कुर्सी पर बैठकर नागरिकों के निवेदन स्वीकार कर रहे हैं, उसके पीछे एक बोर्ड है, जिस पर मुख्यमंत्री महाराष्ट्र शासन लिखा है। यह फोटो वायरल होने पर महेश तपासे ने शिंदे पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि वायरल हो रही फोटो में श्रीकांत शिंदे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर बैठे हैं और अधिकारियों को निर्देश दे रहे है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। क्या यह एक राजनीतिक संस्कृति है? अगर पिता मुख्यमंत्री हैं तो क्या उनकी गैरमौजूदगी में कोई आकर कुर्सी पर बैठ सकता है? श्रीकांत शिंदे को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। वीआईपी घर में लोगों को राज शिष्टाचार का पालन करना होता है।
विपक्ष का बेवजह हंगामा: श्रीकांत शिंदे
इस मामले पर सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि हम यहां बैठकर उन नागरिकों की समस्याओं के समाधान करते हैं, जो घर पर मिलने आते हैं। घर में मुख्यमंत्री महाराष्ट्र शासन का बोर्ड है, जिसे एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। मुख्यमंत्री जब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेते हैं, तब इस बोर्ड का उपयोग किया जाता है। मैं काम करते हुए जिस कुर्सी पर बैठा था, उस कुर्सी के पीछे यह बोर्ड भी था, तो फोटोग्राफर ने जानबूझकर ऐसी फोटो खींची। श्रीकांत शिंदे ने खुलासा किया है कि जो हुआ है, वह अनजाने में हुआ है और विरोधी इसे लेकर बेवजह हंगामा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे काम करने वाले नेता हैं। उनके पास जब भी समय होता है, वे बैठते हैं और काम करते हैं। मुख्यमंत्री के काम की रफ्तार देखकर विपक्ष के पैरों तले की जमीन खिसकने लगी है। इस वजह से विपक्ष महत्वहीन मुद्दे उठाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि लोग बुद्धिमान हैं और विरोधियों के इस प्रचार का शिकार नहीं होंगे।
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