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महाराष्ट्र
शिवसेना सांसद संजय राउत को नहीं मिली जमानत, 2 नवंबर तक बढ़ी हिरासत
Rani Sahu
21 Oct 2022 12:10 PM GMT
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शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत को आज भी जमानत नहीं मिली। उनकी दिवाली अब जेल में ही मनेगी। राउत की जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 2 नवंबर को होगी। उनकी न्यायिक हिरासत तब तक के लिए बढ़ा दी गई है।
इससे पहले 18 अक्तूबर को राउत की न्यायिक हिरासत 21 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई थी। राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के पात्रा चॉल घोटाला मामले में जुलाई में गिरफ्तार किया था। राउत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में सक्रिय रूप से रुचि ली थी। उन्हें इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। किए गए शिवसेना नेता ने पिछले महीने विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गठित विशेष कोर्ट से जमानत मांगी थी। याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने कहा था कि जांच एजेंसी के पास 2011 से रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो बताते हैं कि राउत पात्रा चॉल घोटाले में शामिल थे।
क्या है पात्रा चॉल मामला ?
The hearing on the bail plea of Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) leader & MP Sanjay Raut adjourned, now hearing will be held on November 2. Sanjay Raut's judicial custody extended till then.
— ANI (@ANI) October 21, 2022
ED arrested Sanjay Raut in a money laundering case. pic.twitter.com/hVdJSTywOw
पात्रा चॉल के नाम से पहचाने जाने वाला सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार परिवार हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। हाती जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था।
हालांकि, ईडी के अनुसार पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया। उसने 1,034 करोड़ रुपये में यह जमीन पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) को बेच दी।
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