- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- कामाख्या देवी के दरबार...
x
मुंबई। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपने समर्थक विधायकों और सांसदों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी के कामाख्या देवी (Kamakhya Devi) के मंदिर में दर्शन किए। हालांकि शिंदे समर्थक पांच विधायक और एक सांसद अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होने की वजह से गुवाहाटी नहीं गए। कामाख्या मंदिर में दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमने श्रद्धा और हृदय से देवी कामाख्या की पूजा की। सभी को संतोष हुआ, इस वजह से सभी खुश हैं। कामाख्या देवी के आशीर्वाद से असम और महाराष्ट्र के अलग संबंध बने हैं। असम की जनता को आनंद, खुशी और शांति मिले, साथ ही महाराष्ट्र की जनता के सभी संकट दूर हो। शिंदे ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और असम की जनता के प्रति आभार प्रकट किया।
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, कई मंत्री, विधायक और उनके परिवार के सदस्य एक चार्टर्ड विमान से गुवाहाटी के हवाई अड्डे पर उतरे। हवाई अड्डे पर स्थानीय लोगों ने पारंपरिक तरीके से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कामाख्या मंदिर में पूजा की। बाद में मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने देवी के दर्शन किए। मंदिर में दर्शन के बाद मुख्यमंत्री का काफिला होटल रेडिसन ब्लू पहुंचा। यह वही होटल हैं, जहां शिवसेना से बगावत के बाद शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने लंबे समय तक डेरा डाला था। वे गुजरात के सूरत से गुवाहाटी पहुंचे थे। उस दौरान एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने कामाख्या देवी मंदिर में दर्शन किए थे। वहां एकनाथ शिंदे सहित सभी विधायकों ने यह मन्नत मानी थी कि उनकी सरकार बनी तो वे सभी पुन: मां कामाख्या के दर्शन करने आएंगे। चूंकि, अब न सिर्फ राज्य में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, बल्कि स्वयं एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं, इसलिए, अब वह अपने समर्थक सभी विधायकों के साथ फिर मां कामाख्या के दर्शन किए। असम में यह मंदिर नीलाचल पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री और उनकी टीम शनिवार 26 नवंबर को गुवाहाटी में प्रवास करेगी। दूसरे दिन 27 नवंबर को सुबह 11 बजे वे विशेष विमान से वापस मुंबई आएंगे।
गुवाहाटी दौरे में जो मंत्री और विधायक नहीं पहुंचे, उनमें मंत्री अब्दुल सत्तार, गुलाबराव पाटिल, तानाजी सावंत, महेंद्र दलवी, संजय गायकवाड और सांसद श्रीरंग बारणे शामिल हैं। भाजपा कोटे के मंत्री रविंद्र चव्हाण भी गुवाहाटी गए हैं। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए रविंद्र चव्हाण ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का फोन आया था और उनसे गुवाहाटी चलने को कहा। चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश होने की वजह से वे देवी के दर्शन के लिए जा रहे हैं। यह हिंदुत्ववादी विचारों की सरकार है। हमें कहीं ना कहीं अपने कामों में देवी-देवताओं के आशीर्वाद और कृपा की जरूरत पड़ती है, इसलिए सीएम शिंदे ने कहा कि कामाख्या देवी का दर्शन करने चलना है।
देवी प्रकोप से जल्द गिरेगी सरकार तपासे
इधर राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार कामाख्या देवी के प्रकोप के चलते जल्द ही गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को उत्तराधिकार विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। इस फैसले के बाद 16 विधायक निलंबित हो जाएंगे और इनमें खुद एकनाथ शिंदे भी शामिल होंगे। विधायकों के निलंबन से शिंदे सरकार गिर जाएगी। तपासे ने कहा कि किसानों को मजबूत करने के लिए कोई काम नहीं हुआ है। राज्य के युवाओं को रोजगार देने वाली परियोजनाएं गुजरात चली गई, इसके बावजूद शिंदे ने युवाओं के पक्ष में कोई भूमिका नहीं ली, इसके उलट गुजरात का सहयोग किया। इसलिए उन्हें इस बार कामाख्या देवी का आशीर्वाद नहीं, बल्कि प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। इसके पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने शिंदे टीम के गुवाहाटी दौरे पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि वे कामाख्या देवी के दर्शन के लिए जा रहे हैं। कहीं हम बकरे काटते हैं, तो कहीं मुर्गी। कहां जाता है वहां भैसे की बलि दी जाती है। अब वे किसकी बलि देने चले हैं, यह जानकारी नहीं, लेकिन वे दर्शन के जा रहे हैं तो हम एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
Source : Hamara Mahanagar
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
Next Story