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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में एक तीर से दो निशाने करने की तैयारी में शिंदे और भाजपा सरकार
Shantanu Roy
6 Dec 2022 6:22 PM GMT
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बड़ी खबर
मुम्बई। महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के गठन के बाद अभी एक ही बार कैबिनेट विस्तार हुआ है, जिसमें कई दावेदारों के नाम पैडिंग सूची में डाल दिए गए थे। उसके बाद से कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है, जबकि 19 दिसंबर को राज्य में आम विधानसभा सैशन रखा गया है। खबर मिली है कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह फैसला लिया है कि फिलहाल कैबिनेट विस्तार का फैसला टाल दिया जाए। इसकी जगह पर राज्य में बोर्ड और कार्पोरेशनों के पदों पर नियुक्तियों का दौर शुरू कर विधायकों को एडजस्ट करने की कोशिश की जाए। जानकारी के अनुसार शिंदे ने महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर के साथ एक बैठक की है, जिसमें केंद्र की अनुमति मिलने से पहले कैबिनेट विस्तार का फैसला रोकने की बात कही गई है। दोनों दलों के बीच में इस बात पर भी सहमति हुई है कि बोर्ड तथा कार्पोरेशनों में चेयरमैन तथा अन्य पद पर नियुक्तियों का काम फिलहाल चलाया जाए तथा नाराज विधायकों को किसी तरह से ये पद देकर मनाया जाए।
गौरतलब है कि शिंदे की बगावत का समर्थन करने वाले विधायक मंत्री पद पाने के लिए बेताब हैं। उनमें से कुछ ने चेतावनी दी है कि अगर कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ और उनके नाम नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए तो उन्हें दोबारा सोचना पड़ेगा। सी.एम. के सामने बड़ी चुनौती असंतुष्ट विधायकों को शांत करना है। इस बीच शिंदे और प्रमुख मंत्रियों समेत 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। एक नकारात्मक परिणाम सरकार को खतरे में डाल सकता है। इसलिए वे विस्तार में देरी करने के बारे में सोच रहे हैं। राज्य में सरकार के गठन के बाद करीब पांच महीने पहले पहले कैबिनेट का विस्तार हुआ था, जबकि अधिकतर मंत्रालय अभी तक बांटे नहीं गए हैं। मुख्यमंत्री तथा उप-मुख्यमंत्री के पास अधिकतर विभागों के पोर्टफोलियो हैं, जिस कारण प्रशासनिक कार्यों तथा नीतियों को लागू करने में कई तरह की समस्याओं का सामना सरकार को करना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य में बोर्ड तथा कार्पोरेशनों में अहम पद देकर फिलहाल शिंदे तथा भाजपा एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश कर रही है। एक तो विधायकों को शांत करवाने की कोशिश की जा रही है, साथ ही मंत्री पद हासिल करने वालों की भीड़ भी कम की जा रही है।
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