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महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर सियासी संकट जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच चल रही चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई में एक नया मोड़ आया है। एक टीवी इंटरव्यू में अजित पवार गुट के नेता ने खुलासा किया कि उन्हें नहीं पता कि शरद पवार को किस बैठक में शीर्ष पद से हटाया गया।
गौरतलब है, बुधवार को यह बात सामने आई थी कि अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से दो दिन पहले उन्हें एनसीपी का अध्यक्ष चुना गया था। इतना ही नहीं, उन्होंने पहले ही पार्टी चुनाव चिह्न पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। हालांकि, जिस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अजित को एनीसीपी अध्यक्ष बनाया गया, उसकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है।
जब राकांपा सांसद (अजित पवार गुट) उमेश पाटिल से एक टीवी इंटरव्यू के दौरान बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी। इसी का वीडियो शेयर कर आप सांसद संजय सिंह ने पूछा कि महाराष्ट्र में ये क्या मजाक चल रहा है?
पाटिल ने टीवी इंटरव्यू में कहा था कि शुक्रवार यानी 30 जून को हुई बैठक के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं उस बैठक में मौजूद नहीं था। बैठक के बारे में आपसे ही पता चला है।
आइए जानते है महाराष्ट्र की सियासी संकट के बारे में 10 बातें-
शरद पवार VS अजित पवार
शरद पवार और अजित पवार दोनों ने बुधवार को महाराष्ट्र में अपना शक्ति प्रदर्शन किया। अजित की बैठक में करीब 32 विधायक शामिल हुए, जबकि शरद पवार की बैठक में सिर्फ 18 विधायक शामिल हुए।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की उम्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपकी उम्र 80 के पार हो गई है, आप रिटायर क्यो नहीं हो जाते।
सुप्रिया सुले और अनिल देशमुख ने अजित पवार की उम्र पर कटाक्ष किया। सुप्रिया सुले ने कहा कि वह अपने पिता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी, वहीं अनिल देशमुख ने कहा कि 82 वर्षीय शेर अभी भी जीवित हैं।
5वीं बार उपमुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही अजित पवार ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा सामने रखी।
अजित पवार ने शरद पवार पर 2004 में एनसीपी का मुख्यमंत्री बनाने का मौका गंवाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2004 में हमारे पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद लेने दिया।
अजित पवार की सीएम पद की महत्वाकांक्षा के कारण शिंदे खेमे में बेचैनी उत्पन्न हो गई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेताओं के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री पद में बदलाव की अफवाहों और मजबूत अटकलों के बीच उनके खेमे के नेताओं ने कहा कि सब कुछ ठीक है और शिंदे सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे।
अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया कि अजित को बीती 30 जून को एनसीपी के सदस्यों के बहुमत की ओर से हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से एनसीपी प्रमुख चुना गया था।
शरद पवार ने कहा कि जिसने भी सत्ता साझा करने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया है, वह राजनीतिक रूप से नष्ट हो गया है। पवार ने अकाली दल, पीएफ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और नीतीश कुमार का उदाहरण दिया।
अजित पवार ने मंगलवार को एनसीपी के नए दफ्तर का उद्घाटन किया था। इस दौरान भी शरद पवार की फोटो लगाई गई थी। शरद पवार ने उनकी फोटो का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने पूछा कि अजीत पवार उनकी तस्वीर का उपयोग क्यों कर रहे थे।
शरद पवार ने पहले कहा था कि वह अजित पवार से कानूनी लड़ाई नहीं लड़ेंगे। हालांकि, बुधवार को उन्होंने साफ कर दिया कि चिह्न कहीं नहीं जा रहा है।