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यवतमाल. जिले में जुन से लेकर जुलाई माह तक भारी बारिश,अतिवृष्टी और बाढ के कारण खरीफ की फसलों का नुकसान का सर्वे पंचनामा करने के बाद नुकसान मुआवजा की राशि सरकार से हासिल करने के लिए जिले से संभागीय आयुक्त को रिपोर्ट पेश कर दी गयी है.जिले में जुन माह से लेकर जुलाई माह तक 16 तहसीलों में अतिवृष्टी,बाढ से 3 लाख हेक्टेयर 89 हजार 558 खरीफ फसल के नुकसान मुआवजा की रिपोर्ट बिते शनिवार को ही जिला प्रशासन के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन विभाग ने अमरावती संभागीय आयुक्त को पेश की गयी है.
इसमें यवतमाल जिले के 3 लाख 78 हजार 461 अतिवृष्टी से बाधित किसान शामिल है, उन्हे नुकसान मुआवजा देने के लिए सरकार से 529 करोड 98 लाख 79 हजार रुपयों की मांग की गयी है.जिले में फसल नुकसान पंचनामा के बाद पुराने सरकारी दरों की बजाय राज्य सरकार के निर्देशों पर नुकसान दर बढाकर सरकारी दरों के आधार पर यह नुकसान मुआवजा राशि तय की गयी है.जिसमें यवतमाल जिले के किसानों को प्रति 1 हेक्टेयर की मर्यादा में नुकसान मुआवजा राशि मिलेंगी.
जिले के जीरायती खेती करनेवाले किसानों के लिए प्रति 1 हेक्टेयर 13 हजार 600 रुपए,बागायती खेतीवाले किसानों को प्रति एकड 27 हजार और फलों की खेती करनेवाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 36 हजार नुकसान मुआवजा तय किया गया है.सरकार से नुकसान मुआवजा की राशि हासिल करने के लिए प्राकृतिक आपदा प्रबंधन विभाग ने नुकसानबाधीत किसानों की संख्या और उन्हे दी जानेवाली कुल राशि की रिपोर्ट संभागीय आयुक्त को भेजी है.
राज्य सरकार की मंजुरी के बाद जिले के किसानों को जल्द ही नुकसान मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएंगी.इसी बीच जिले में अगस्त तक अतिवृष्टी से खरीफ फसल को हुए नुकसान का पंचनामा कार्य भी जल्द ही पुरा करते हुए मुआवजा की राशि से जुडी रिपोर्ट तैयार की जाएंगी, जिसे इसी सप्ताह शनिवार तक संभागीय आयुक्त को भेजी जाएंगी.
बिनाशर्त नही, लेकिन नुकसान मुआवजा राशि बढी
नयी नुकसान रिपोर्ट में बनायी
बारिश से फसलों को भारी नुकसान के बाद सभी स्तरों पर किसानों को बिनाशर्त प्रति हेक्टेयर नुकसान मुआवजा देने की मांग की जा रही थी. लेकिन राज्य सरकार ने किसानों को सरकारी नुकसान मुआवजा बिनाशर्त नही देने का फैसला किया है,हालांकी सरकार ने पुर्वप्रचलीत 2015 के सरकारी मुआवजा दरों की बजाय फसल नुकसान मुआवजा के लिए नए दर लागु किए है.
हाल ही में सरकार ने जिला प्रशासन द्वारा भेजी गयी नुकसान रिपोर्ट को फिर से तैयार करने के निर्देश दिए थे,ताकी किसानों को प्रति हेक्टेयर बिनाशर्त नुकसान की बजाय सरकारी दरों को बढाकर लेकिन 1 हेक्टेयर तक मर्यादीत नुकसान मुआवजा दिया जा सके, सरकारी दर बढाने से किसानों को प्रति हेक्टेयर की मर्यादा में अधिक राशि मिलेंगी, एैसा दावा सरकार द्वारा किया जा रहा है. इसी आधार पर जिले में फिर से नई नुकसान मुआवजा राशि की रिपोर्ट तैयार की गयी,जिसे शनिवार को ही संभागीय आयुक्त को भेजा गया.
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