महाराष्ट्र

पत्नी के एड्स पीड़ित होने का दावा कर मांगा तलाक

Rani Sahu
24 Nov 2022 4:41 PM GMT
पत्नी के एड्स पीड़ित होने का दावा कर मांगा तलाक
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मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने पुणे के एक 44 वर्षीय व्यक्ति को तलाक देने से इनकार कर दिया है। दरअसल, व्यक्ति ने झूठा दावा किया था कि उसकी पत्नी एचआईवी पॉजिटिव (HIV positive) है जिसके कारण उसे मानसिक पीड़ा हुई है।
क्या था पूरा मामला
व्यक्ति ने पहले पुणे की एक फैमिली कोर्ट (family court) में तलाक के लिए याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। व्यक्ति ने साल 2011 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने खारिज की पति की याचिका
हालांकि, जस्टिस नितिन जामदार और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने भी 16 नवंबर के अपने आदेश में व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा, व्यक्ति ने इस बात का कोई सबूत पेश नहीं किया कि उसकी पत्नी का एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आया था, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई है। इसलिए, तलाक देने की उसकी प्रार्थना को एकमुश्त खारिज किया जाता है।
साल 2003 में हुई थी शादी
जोड़े ने मार्च 2003 में शाची रचाई थी। इसके बाद व्यक्ति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी सनकी, जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव की है और उसके व उसके परिवार के सदस्यों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करती है। इसके बाद उसने यह भी दावा किया था कि पत्नी तपेदिक और दद की बीमारी से पीड़ित है। व्यक्ति की दलील के अनुसार, बाद में साल 2005 में उनकी पत्नी जांच में एचआईवी पॉजिटिव निकलीं। बाद में उस व्यक्ति ने तलाक मांगा।
पत्नी ने पति के दावों किया था खारिज
हालांकि, पत्नी ने उसके दावों का खंडन किया और कहा कि उसका एचआईवी टेस्ट निगेटिव निकला है, फिर भी उसके पति ने परिवार के सदस्यों के बीच अफवाह फैलाई, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई।
याचिकाकर्ता ने सबूत पेश नहीं किए
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि पति अपनी पत्नी की एचआईवी पॉजिटिव होने की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने में विफल रहा है। हाईकोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता पति द्वारा पेश किए गए साक्ष्य कोई सबूत नहीं हैं कि पत्नी का एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव निकला था, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई या पत्नी ने उसके साथ क्रूरता का व्यवहार किया।
पत्नी को रिश्तेदारों के बीच किया बदनाम
कोर्ट ने कहा, मेडिकल रिपोर्ट (जिसमें एचआईवी डीएनए टेस्ट के परिणाम 'पता नहीं' दिखा) के बावजूद याचिकाकर्ता ने पत्नी के साथ रहने से इनकार किया और रिश्तेदारों और दोस्तों को सूचित करके समाज में प्रतिवादी (पत्नी) को बदनाम किया है कि उसका एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आया है।
Source : Hamara Mahanagar
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
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