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महाराष्ट्र
सावरकर को भारत रत्न के बारे में आरटीआई का नहीं मिला सीध जवाब
Rani Sahu
4 Jun 2023 6:58 AM GMT
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मुंबई (आईएएनएस)| राष्ट्रपति के सचिवालय को पिछले 23 साल के दौरान देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा किए गए नामांकन या सिफारिशों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एक आरटीआई के जवाब में यह बात सामने आई है। पुणे के व्यवसायी प्रफुल्ल शारदा ने राष्ट्रपति के सचिवायल से 2000-2023 तक सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा भारत रत्न के लिए अनुशंसित प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सूची मांगी थी
उन्होंने क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर उर्फ स्वातं˜यवीर सावरकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए विभिन्न प्रधानमंत्रियों द्वारा संचार या सिफारिशों पर अतिरिक्त विवरण मांगा था।
शारदा ने कहा, राष्ट्रपति सचिवालय ने 22 मई को जवाब दिया कि ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, और उन्होंने मेरे आवेदन को पीएमओ को स्थानांतरित कर दिया, जो इस मामले में रिकॉर्ड का नोडल विभाग और संरक्षक है।
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति सचिवालय के आरटीआई अनुभाग से उप सचिव रुबीना चौहान ने यह प्रतिक्रिया दी।
पीएमओ ने 29 मई को जवाब दिया कि उन्होंने गृह मंत्रालय को आवेदन 'स्थानांतरित' कर दिया है। गृह मंत्रालय से जवाब मिला कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और उसने इसे इससे संबंधित रिकॉर्ड के नोडल विभाग और संरक्षक को भेज दिया।
सारदा ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि यह 'नोडल विभाग' क्या है और कौन 'संरक्षक' है या किस विभाग का है। पिछले 23 वर्षों में पीएमओं द्वारा भारत रत्न के लिए राष्ट्रपति को की गई सिफारिशों पर एक सरल प्रश्न काफी हद तक अनुत्तरित है।
उन्होंने कहा कि 2000 में, राष्ट्रपति के.आर. नारायणन थे। उनके बाद राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी, आर.एन. कोविंद और वर्तमान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इस अवधि (2000-2023) के दौरान, देश में केवल तीन पीएम हुए हैं - अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
तीनों प्रधानमंत्रियों ने 23 वर्षो में सिर्फ 11 भारत रत्नों की सिफारिश की है, 1954 के बाद से केवल 48 हस्तियों को यह सम्मान मिला है।
इनमें आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, महान पाश्र्व गायिका स्वर्गीय लता मंगेशकर और 'शहनाई' के प्रतिपादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शामिल हैं।
शास्त्रीय गायक पं. भीमसेन जोशी (2009), उसके बाद वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव और क्रिकेट के उस्ताद सचिन तेंदुलकर (2014), राजनीतिक नेता पं. मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी (2015), राजनेता प्रणब मुखर्जी, गायक पं. भूपेन हजारिका और सामाजिक कार्यकर्ता चंडिकादास अमृतराव उर्फ नानाजी देशमुख (2019) को यह सम्मान दिया गया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के उप नेता डॉ. रघुनाथ कुचिक आरटीआई के खुलासे से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के दिनों से लगातार स्वातं˜यवीर सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग उठाती रही है।
उन्होंने कहा, हालांकि, अब ऐसा लगता है कि 15 साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के किसी भी पीएम ने कभी भी इसके लिए कोई औपचारिक/आधिकारिक सिफारिश नहीं की, इसमें पीएम मोदी और दिवंगत पीएम वाजपेयी का कार्यकाल शामिल है। स्वातं˜यवीर सावरकर के नाम पर सभी कोलाहल राजनीतिक हैं। भाजपा इस मुद्दे पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
फिर भी, सारदा को यह 'अजीब' लगता है कि पीएमओ ने उनके सीधे आवेदन को गृह मंत्रालय को भेज दिया है, जिसकी भारत रत्न पुरस्कार प्रक्रिया में शायद बहुत कम या कोई भूमिका नहीं हो सकती है क्योंकि यह प्रधानमंत्री का अधिकार क्षेत्र है।
--आईएएनएस
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