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महाराष्ट्र
ED ऑफिस पहुंचीं संजय राउत की पत्नी, हो सकती है आमने-सामने बैठाकर पूछताछ
Rani Sahu
6 Aug 2022 6:58 AM GMT

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ED ऑफिस पहुंचीं संजय राउत की पत्नी
नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, मुंबई (Mumbai) के पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam) में आरोपों का सामना कर रहे शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की पत्नी वर्षा राउत आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुंच चुकी हैं। ED ने उन्हें आज यानी शुक्रवार को समन भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था। ऐसे भी कयास हैं कि ED अधिकारी संजय राउत और वर्षा राउत को आमने-सामने बैठाकर भी उनसे पूछताछ कर सकते हैं।
राउत और उनके करीबियों पर ED की नजर
दरअसल ED,पात्रा चॉल घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउत को गिरफ्तार करने के बाद उनके तमाम केस के सतह संपर्क तलाशने में भी जुटा है। खासतौर पर प्रवीण राउत, सुजीत पाटकर और राउत की पत्नी वर्षा राउत का एक-दूसरे से क्या संबंध हैं, इसकी छानबीन भी अब चल रही है। इसी क्रम में ED ने बीते मंगलवार को मुंबई में दो स्थानों पर छापे मारे थे।
Maharashtra | Shiv Sena MP Sanjay Raut's wife, Varsha Raut arrives at the ED office in Mumbai. She has been summoned by the agency in connection with the Patra Chawl land case. pic.twitter.com/44DbrB0HUw
— ANI (@ANI) August 6, 2022
वहीं सूत्रों का कहना है कि ED ने दीवान बिल्डर्स के बांद्रा दफ्तर और दूसरा बांद्रा में ही नेशनल हेराल्ड केस में रेड मारा।ED अधिकारी पता लगाने में जुटे हैं कि संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा राउत के बैंक खाते में पैसे कब और कैसे ट्रांसफर किए गए हैं। आरोप है कि प्रवीण राउत ने संजय राउत और उनके रिश्तेदारों के खाते में विभिन्न खातों से 1.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन वर्ष 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

Rani Sahu
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