महाराष्ट्र

अजित-शरद की मुलाकात को संजय राउत ने बताया महामारी

Tara Tandi
14 Aug 2023 8:13 AM GMT
अजित-शरद की मुलाकात को संजय राउत ने बताया महामारी
x
देश की राजनीति में महाराष्ट्र ऐसा केंद्र बन गया है, जिसको बार-बार पलटकर देखना पड़ रहा है. लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे देश का ध्यान महाराष्ट्र ने रविवार को एक बार फिर खींचा. जब विपक्षी INDIA के साथ जाने वाले शरद पवार और NDA की सरकार के साथ जाने वाले अजित पवार की मुलाकात हुई. शरद पवार ने इस मुलाकात को चाचा-भतीजे की मुलाकात बताया और कहा कि वो अजित के लिए पिता तुल्य हैं और इसी नाते से उनकी ये मुलाकात हुई है.
इस मुलाकात से महाराष्ट्र में फिर किसी राजनीतिक उथल-पुथल की संभावनाओं को खुद शरद पवार ने ही दूर कर दिया. उन्होंने कहा कि वो INDIA के साथ जुड़े रहेंगे और बीजेपी के साथ जाने का उनका हरगिज कोई इरादा नहीं हैं. लेकिन महाराष्ट्र पिछले कुछ वर्षों में इतना कुछ देख चुका है कि उसे किसी भी वादे या दावे पर यकीन कर पाना मुश्किल है. इसकी बानगी सोमवार को आए सामना के संपादकीय में भी देखने को मिली.
इस तरह की मुलाकातों से फैलता है भ्रम
शरद पवार और अजित पवार की इस मुलाकात पर सामना में संजय राउत ने खूब तंज कसे. उन्होंने कहा कि अजित पवार बार-बार शरद पवार से मुलाकात करने जा रहे हैं और शरद पवार किसी भी मुलाकात को टाल नहीं रहे हैं. राउत का कहना है कि इन मुलाकातों से भ्रम पैदा हो रहा है. इस भ्रम को पैदा करने के लिए राउत भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि क्या बीजेपी के चाणक्य ऐसा ही भ्रम पैदा करने के लिए अजीत पवार को ऐसी मुलाकातों के लिए भेज रहे हैं?
शरद पवार की छवि हो रही खराब
राउत का कहना है कि शरद पवार की छवि इस तरह की मुलाकातों से खराब हो रही है और ये ठीक नहीं है. राउत ने मुलाकातों के इस दौर को महामारी तक बता डाला है. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बीमारी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चार दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह पुणे में आए थे और उनकी मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन खबरें फैलने लगीं और मुख्यमंत्री शिंदे की तबीयत बिगड़ गई.
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत का कहना है कि शिंदे तो अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद ही बीमार पड़ गए थे. ये बीमारी अजित और शरद पवार की मुलाकात के बाद और बढ़ रही है. राउत ने संपादकीय में कहा है कि अगर महाराष्ट्र की राजनीति को जकड़ने वाली इन बीमारियों का इलाज समय पर नहीं किया गया तो ये महाराष्ट्र के समाज को खोखला बना देगी.
Next Story