महाराष्ट्र

अमीर महिलाओं को मैट्रिमोनियल साइट के सहारे बनाता था शिकार, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार

Renuka Sahu
19 Jan 2022 5:22 AM GMT
अमीर महिलाओं को मैट्रिमोनियल साइट के सहारे बनाता था शिकार, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
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फाइल फोटो 

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने विभिन्न मैट्रिमोनी साइटों पर रजिस्टर 35 से 40 महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में एक 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने विभिन्न मैट्रिमोनी साइटों पर रजिस्टर 35 से 40 महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में एक 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी विशाल सुरेश चव्हाण उर्फ ​​अनुराग चव्हाण ने बीटेक और एमबीए किया है। वह कल्याण का रहने वाला है। पुलिस ने कहा कि चव्हाण ने कथित तौर पर धनी आर्थिक पृष्ठभूमि वाली महिलाओं को निशाना बनाया और फर्जीवाड़ा कर उन्हें अपनी जाल में फंसाया। उसने खुदो को एक बड़े मोबाइल कंपनी का वरिष्ठ अधिकारी करार दिया।

पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी ने कम से कम 30 लोगों से नए आई-फोन देने का दावा करते हुए पैसे लिए थे।
चव्हाण के खिलाफ चार मामले दर्ज हैं। 2017 में सायन पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी के दो मामले और 2019 में नरपोली थाने में धोखाधड़ी के एक मामला और 2017 में वर्सोवा पुलिस स्टेशन में रेप का एक केस दर्ज है।
पुलिस के मुताबिक, एक निजी फर्म में काम करने वाली 28 वर्षीय महिला ने पिछले साल अगस्त में कांजुरमार्ग थाने में संपर्क किया और चव्हाण के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। महिला ने दावा किया कि दोनों एक साल पहले मैट्रिमोनियल साइट पर मिले थे। आरोपी ने शादी का प्रस्ताव लेकर उससे संपर्क किया था। उसने आरोप लगाया कि शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर चव्हाण ने उससे 2.25 लाख रुपए ले लिए।एक महीने के बाद उसने उससे मिलना बंद कर दिया।
इसके बाद पीड़िता ने उसके आवासीय पते की जांच शुरू की और सभी को फर्जी पाया। उसकी शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच 7 के अधिकारियों ने जांच करना शुरू कर दिया। तकनीकी साक्ष्य और कॉल डेटा रिकॉर्ड के आधार पर कुछ जानकारी मिली। पुलिस को यह पता चला कि आरोपी दूसरे के नाम पर मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहा था।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि उनके पास उसकी तस्वीरें थीं। एक लिंक को दूसरे से जोड़ते हुए पुलिस को कल्याण पूर्व में उसका आवासीय पता मिला। पूछताछ के दौरान पता चला कि वह 15 दिनों से घर पर नहीं था। पुलिस निरीक्षक ने कहा, "हमें सूचना मिली कि चव्हाण कल्याण के एक फ्लैट में रह रहा है। रविवार रात एक पुलिस अधिकारी डिलीवरी बॉय के रूप में घर में दाखिल हुआ। उसकी पहचान की पुष्टि होने के बाद बाहर इंतजार कर रहे पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया।"
उसे घाटकोपर स्थित यूनिट कार्यालय लाया गया और पूछताछ के दौरान उसने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया। अधिकारी ने कहा हमें जांच के दौरान पता चला कि ज्यादातर मामलों में चव्हाण खुद को एक अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि का धनी व्यक्ति बताता है।
उसने शहर में कई महिलाओं को ठगा है और उनसे मोटी रकम ली है। उनमें से ज्यादातर उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। उसे 2017 में सायन पुलिस स्टेशन ने एक महिला द्वारा उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया था। उसने महिला से 17 लाख रुपए लिए थे। रुपये जमा करने के बाद उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है।
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