महाराष्ट्र

रेप के आरोपी दोषमुक्त, कोर्ट ने इस हरकत को नहीं माना अपराध

Nilmani Pal
21 Nov 2021 3:57 PM GMT
रेप के आरोपी दोषमुक्त, कोर्ट ने इस हरकत को नहीं माना अपराध
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मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक शख्स को शादी का वादा कर रेप के मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने शख्स को यह करते हुए बरी किया कि मंगेतर को शादी से पहले अश्लील मैसेज भेजना किसी की गरिमा का अपमान नहीं होता. साथ ही कहा कि ऐसे मैसेज एक-दूसरे की भावनाओं को समझने वाले हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, एक 36 वर्षीय शख्स पर 11 साल पहले उसकी मंगेतर ने शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया था. इसी मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि कोई किसी दूसरे को पसंद नहीं करता तो यह उसका अधिकार है कि वह अपनी नाखुशी दूसरे शख्स को बता दे और दूसरा पक्ष इस तरह की गलती से बचे.

कोर्ट ने कहा कि इन संदेशों का उद्देश्य मंगेतर के सामने अपनी इच्छाओं को बताना, सेक्स की भावना जगाना आदि हो सकता है, इन संदेशों से हो सकता है कि मंगेतर को भी खुशी हो. लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि ऐसे एसएमएस शादी करने जा रही महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं.'

दरअसलस, महिला ने साल 2010 में शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. दोनों की मुलाकात साल 2007 में एक मैट्रीमोनियल साइट पर हुई थी. लेकिन युवक की मां इस शादी के खिलाफ थीं, जिसके चलते युवक ने साल 2010 में युवती के साथ ब्रेकअप कर लिया. इस पर कोर्ट ने कहा कि शादी का वादा करके मुकर जाने को धोखा देना या रेप नहीं कहा जा सकता है. कोर्ट ने आगे कहा कि युवक एक आर्य समाज मंदिर में मंगलसूत्र के साथ गया था. लेकिन अपनी मां से इस रिश्ते को मंजूरी ना मिलते देख उसने युवती से सारे रिश्ते खत्म कर दिये. युवक ने अपनी मां की इच्छा को मानते हुए समस्या का सामना करने के बजाए इससे बचना चाहा. यह शादी के झूठे वादे का मामला नहीं है. यह केस प्रयासों को सही तरीके से ना करने का है.


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