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- रायगढ़ लैंडस्लाइड में...
महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे रायगढ़ की एक दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इरशालवाड़ी गांव भूस्खलन के पश्चात् अब तक 27 मृतशरीर बरामद किए जा चुके हैं. हादसा के बाद से लापता 57 व्यक्तियों को भी मृत मान लिया गया है. इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा अब बढ़कर 85 हो गया है. इन मौतों में दमकल विभाग का एक कर्मचारी भी सम्मिलित है, जिसकी रेस्क्यू के चलते दिल के दौरे से मृत्यु हो गई थी.
आपको बता दें कि इरशालगढ़ गांव पर 19 जुलाई की रात लगभग 11 बजे पहाड़ टूटकर गिरा तथा पूरा गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया था. तत्पश्चात, यहां लगातार 5 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हजार के लगभग रेस्क्यूकर्मी जुटे हुए थे, जिसमें NDRF एवं SDRF के साथ क्षेत्र के सैंकड़ों पर्वतारोही भी सम्मिलित थे. रेस्क्यू ऑपरेशन में सम्मिलित बचावकर्मियों ने कहा था कि ऊपर हालात बहुत विषम हैं. उन्होंने कहा था कि भूस्खलन के कारण पहाड़ी पर मलबे का ढेर है तथा उस मलबे को कहां हटाया जाए इसको लेकर बचावकर्मियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, लगातार हो रही बारिश के चलते भी पहाड़ी पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाना कठिन हो रहा था.
प्राप्त समाचार के अनुसार, इरशालवाड़ी गांव में करीब 46 घर थे, जिनमें 48 परिवार रहते थे. मलबा हटने के पश्चात् अब तक यहां से 27 मृतशरीर बरामद हो चुके हैं. 57 व्यक्तियों के बारे में कोई सुराग नहीं प्राप्त हुआ है, जिन्हें अब मृत बताया जा रहा है. इरशालवाड़ी तक रास्ता एक खड़ी चढ़ाई से होकर जाता है. वहीं, इस चोटी पर चढ़ने में लगभग 2 से ढाई घंटे लगते हैं. इन हालातों को देखते हुए ही प्रशासन ने निर्णय किया है कि सभी मृतक लोगों का आखिरी संस्कार ऊपर चोटी पर ही किए जाएगा. बता दें, महाराष्ट्र के सीएम राहत बचाव के कार्य का जायजा लेने स्वयं मौके पर पहुंचे. यहां सीएम ने मृतक लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी तथा पीड़ितों को हर संभव सहायता की बात कही थी. सीएम एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा भी की थी. इसके साथ ही, ये भी बोला कि इस घटना में चोटिल हुए व्यक्तियों का इलाज गवर्नमेंट द्वारा करवाया जाएगा.