महाराष्ट्र

प्राइवेट अस्पताल दे रहा है फ्री कोरोना वैक्सीन, ऐसे उठा रहे टिके का खर्चा

Kunti Dhruw
19 Nov 2021 12:13 PM GMT
प्राइवेट अस्पताल दे रहा है फ्री कोरोना वैक्सीन, ऐसे उठा रहे टिके का खर्चा
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मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल ने आज से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों को फ्री वैक्सीन देने का ऐलान किया है.

मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल ने आज से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों को फ्री वैक्सीन देने का ऐलान किया है. मरीन लाइंस के एक निजी अस्पताल (Bombay Hospital in Marine Lines) बॉम्बे हॉस्पिटल के पास 17,000 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन का स्टॉक है जिसे अब मुफ्त में दिया जाएगा. अस्पताल की घोषणा के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज मुफ्त में दी जाएंगी. अस्पताल ने ये कैंपेन गोल्डन ऑवर फाउंडेशन नाम के एक NGO के साथ मिलकर शुरू किया है.

मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले वयस्कों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं. बॉम्बे हॉस्पिटल ने जारी बयान में कहा है कि उनके पास कोविशील्ड का स्टॉक मौजूद है ऐसे में वे मुफ्त में सिर्फ यही वैक्सीन दे पाएंगे. बॉम्बे अस्पताल के डॉ गौतम भंसाली ने TOI को बताया कि हम शायद देश के पहले ऐसे अस्पताल हैं जिसने सभी लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि दो एजेंसियों की मदद के बिना ये संभव नहीं हो पाता.
प्रति वैक्सीन 150 रुपए का खर्च उठाएगा अस्पताल
डॉक्टर भंसाली ने बतया कि इस पहल में अस्पताल प्रति वैक्सीन 150 रुपए वहन कर रहा है जबकि बाकी फंडिग इन दो मददगार एजेंसियों के जरिए हमें मिलेगी. एजेंसियों ने अस्पताल को इस फ्री वैक्सीनेशन अभियान के लिए 50 लाख रुपए की सहायता भी दी है. उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों में भुगतान किए गए टीकाकरण में गिरावट देखी जा रही है. मुंबई, ठाणे और पुणे के निजी अस्पतालों के पास 45 लाख से अधिक खुराकें बची हैं. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि निजी अस्पतालों को या तो मुफ्त में टीके लगाने चाहिए या सीएसआर दाताओं को ढूंढना चाहिए. हालांकि, मांग में गिरावट और सरकारी टीकाकरण शिविरों में वृद्धि के साथ, निजी अस्पतालों को ज्यादा लेने वाले नहीं दिख रहे हैं.
वैक्सीनेशन नहीं करा रहे लोग
शहर में कोविड टीकाकरण (COVID-19 Vaccination) की शुरुआत 10 सेंटरों से हुई थी, लेकिन अब करीब 460 निजी और सार्वजनिक वैक्सिनेशन सेंटर हैं. केंद्रों पर अब लोगों की भीड़ नहीं दिखती, ज्यादातर निजी सेंटर खाली पड़े हैं. उधर वैक्सीन की एक्सपायरी नजदीक होने के कारण निजी अस्पताल डिस्काउंट में दूसरे सेंटरों को वैक्सीन दे रहे हैं. मुंबई के ज्यादातर वैक्सिनेशन सेंटर खाली पड़े हैं. आलम यह है कि निजी अस्पतालों में करोड़ों की वैक्सीन पड़ी है. इस स्टॉक को निकालने के लिए अस्पताल बल्क खरीद पर 10 से 30% डिस्काउंट भी ऑफर कर रहे हैं. कई अस्पतालों ने तो इन्हें वापस करने के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से संपर्क भी साधा है, पर अस्पताल कह रहे हैं कि सरकार और कंपनियों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है.
लायंस क्लब हॉस्पिटल के सुहास चौधरी ने कहा, 'मई जून की तुलना में भीड़ तो बिल्कुल खत्म हो गई है. अब बहुत कम लोग आ रहे हैं. 1700 कोविशील्ड और 300 कोवैक्सीन की डोज पेंडिंग हैं. ऐसे में हम दूसरे सेंटर को डिस्काउंट में वैक्सीन दे रहे हैं. सबसे बड़ा कारण है की सरकारी में मुफ्त और निजी में पैसे लेकर वैक्सीन दी जा रही है. सरकारी सेंटर में भीड़ की वजह से लोग निजी में आ रहे थे पर अब सरकारी सेंटरों में भी भीड़ घट गई है.' बताया जा रहा है कि मुंबई के निजी अस्पतालों में वैक्सीन के 85% से अधिक डोज नहीं बिके हैं, तो महाराष्ट्र में करीब 90 लाख डोज पेंडिंग हैं. अक्टूबर महीने से वैक्सीनेशन की रफ्तार में भारी कमी आई है.
75 लाख लोगों ने टाइम पर नहीं ली दूसरी डोज
संगठित मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड-OMAG के महासचिव डॉ ईश्वर गिलाडा ने बताया, 'इसका हल ये है की वैक्सीन मैत्री देश के अंदर भी शुरू हो जाना चाहिए. ऐसे पब्लिक सेंटर जहां वैक्सीन एक्सपायर होने वाली है वो उन सरकारी सेंटरों से एक्स्चेंज कर ले जहां की एक्सपायरी डेट आगे की है. क्योंकि सरकारी सेंटरो में अभी भी वैक्सिनेशन की रफ्तार ठीक ठाक है.' महाराष्ट्र टास्क फ़ोर्स का कहना है कि राज्य में करीब 75 लाख लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज समय पर नहीं ली है. ये चिंता का विषय है.
स्टेट टास्क फोर्स के डॉ राहुल पंडित ने कहा, 'महाराष्ट्र में करीब 74-75 लाख लोगों ने समय पर टीके की दूसरी डोज नहीं ली है. इनको पता होना चाहिए कि इन्हें कोविड से पूरी तरह सुरक्षा नहीं मिली है. वैक्सिनेशन को लेकर घर-घर पहुंचने की सरकार जो मुहिम चला रही है उसके तहत ऐसे लोगों को दूसरी डोज दी जाएगी.' मुंबई ने अपनी 100% योग्य आबादी यानी 18 साल से ज्यादा उम्र में लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दे दी है. 65% को डबल डोज लग चुका है. एक्स्पर्ट्स का कहना है कि अगर दो डोज के बीच 84 दिन के अंतराल को कम किया जाता है तो तुरंत 22 लाख से अधिक लोग दूसरी डोज लगाने के पात्र हो जाएंगे.
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