- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- "हिंदुत्व" को लेकर...
"हिंदुत्व" को लेकर महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच राजनीतिक घमासान तेज
फाइल फोटो
कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनीतिक जंग तेज होती दिख रही है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी है, जिसमें अभी तक मंदिर और अन्य पूजा स्थल ना खोलने का मुद्दा उठाया है. अब राज्यपाल और मुख्यमंत्री में इस मसले पर चिट्ठियों का आदान-प्रदान जारी है. उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को जवाब में चिट्ठी लिखी. जिसमें उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों का भी ध्यान रखना चाहिए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. जो लोग हमारे राज्य की तुलना PoK से करते हैं उनका स्वागत करने मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता है. सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा?
राज्यपाल ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि आपने एक जून को 'मिशन बिगेन अगेन' की शुरुआत की थी. लेकिन अब उसे चार महीने हो गए हैं और अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खुले हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी धार्मिक स्थल खुले हैं, जबकि वहां पर कोरोना के मामले अब बढ़ते दिख रहे हैं.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की. राज्यपाल ने लिखा कि पिछले कुछ वक्त में कई प्रतिनिधिमंडलों ने मुझसे मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की है.
महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को मुंबई में प्रदर्शन किया. इसके अलावा शिरडी में साधु-संत अनशन पर बैठ गए हैं.
#WATCH Maharashtra: BJP leader Prasad Lad detained along with other party workers by police during a protest outside Siddhivinayak temple in Mumbai.
— ANI (@ANI) October 13, 2020
BJP is organising demonstrations across the state today, demanding re-opening of all temples for devotees. pic.twitter.com/Q0U2hZm6Ie