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महाराष्ट्र
अजित पवार ,शरद पवार की सीक्रेट मुलाकतों को लेकर महाराष्ट्र में हाई हुआ सियासी पारा गर्म
Tara Tandi
16 Aug 2023 8:05 AM GMT
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महाराष्ट्र में सियासी हलचलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते कई दिनों से इस सियासत का केंद्र अजित और शरद पवार (Sharad Pawar) बने हुए हैं. दरअसल अजित पवार के अचानक कुछ विधायकों के साथ बीजेपी (BJP) को समर्थन देने के बाद से ही महाराष्ट्र में राजनीतिक गहमागहमी बनी हुई है. एक तरफ जहां ये कहा जा रहा है कि अजित पवार ने चाचा शरद पवार को धोखा देकर बगावत कर दी वहीं दूसरी तरफ चाचा और भतीजा के बीच मुलाकातों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल में दोनों ने पुणे में एख कारोबारी के घर पर सीक्रेट मीटिंग की थी. इस मीटिंग के बाद भले ही शरद पवार ने अपनी सफाई दे दी हो, लेकिन इन मुलाकातों ने महा अगाड़ी विकास गठबंधन (Mahavikas Aghadi) को बड़ा झटका जरूर दिया है.
शरद पवार और अजीत पवार के बीच हुई बैठकों को लेकर एक तरफ जहां ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार भी भतीजे की तर्ज पर बीजेपी के साथ आ सकते हैं वहीं दूसरी ओर महाविकास अगाड़ी गठबंधन इसको लेकर तिलमिलाया हुआ है. कांग्रेस से लेकर शिवसेना तक दोनों ही सहयोगी दलों की ओर से शरद पवार को लेकर बयान सामने आ रहे हैं. ताजा बयान शिवेसना (बाला साहब ठाकरे) सांसद संजय राउत का सामने आया है.
संजय राउत ने किया शरद पवार का बचाव
भले ही शरद और अजीत पवार की मुलाकात एमवीए को रास नहीं आ रही है, लेकिन शरद पवार की जरूरत किसी से छिपी नहीं है. महाराष्ट्र फतह करने के लिए शरद पवार एक बड़ा नाम हैं. यही वजह है कि कोई भी दल उनकी मौजूदगी से अनुभवी हो जाता है. लिहाजा संजय राउत ने भी इस मुलाकात को महत्वहीन करार दे दिया.
अजित पवार का कदम इतना बड़ा नहीं कि ऑफर दे सकें
दरअसल शरद पवार और अजीत पवार की मुलाकात के बाद ये बात सामने आई है कि अजीत पवार ने चाचा शरद पवार को बीजेपी की ओर से बड़े ऑफर दिए हैं. ये ऑफर हैं केंद्रीय कृषि मंत्री और नीति आयोग का अध्यक्ष बनाया जाना. अजीत पवार के इसी ऑफर के बारे में जब संजय राउत से पूछा गया तो उन्होंने साफतौर पर यह कह दिया कि अजीत पवार का कद इतना बड़ा नहीं है कि वो शरद पवार को कोई ऑफर दे सकें. ये सारे दावे बेबुनियाद हैं.
इतना ही नहीं संजय राउत ने ये भी कहा कि, अजित पवार को शरद पवार ने बनाया है ना कि शरद पवार को अजित पवार ने. ऐसे में अजित की ओर से किसी भी तरह का कोई ऑफर शरद पवार को नहीं दिया जा सकता. शरद पवार संसदीय राजनीति में ही 60 वर्ष बिता चुके हैं, इतना नहीं है वे 4 बार महाराष्ट्र के सीएम भी रहे हैं. ऐसे में उनके कद के आगे अजित पवार बहुत छोटे हैं.
डेढ़ महीने में 4 बार मिले चाचा-भतीजा
बता दें कि शरद पवार को बीजेपी के साथ जाने के कयास इस वजह से तेज हो गए क्योंकि अजित पवार के बागी होने और शिंद सरकार के साथ जाने के बाद से ही दोनों चाचा-भतीजा के बीच चार बार मुलाकात हो चुकी है. पार्टी से बेदखल करन की बजाय दोनों डेढ़ महीने में चार मिल चुके हैं. वहीं अशोक च्वहाण ने भी दावा किया है कि बीजेपी की ओर से शरद पवार को बड़ा ऑफर दिया जा रहा है. लिहाजा ये मुलाकातें हो रही हैं.
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