महाराष्ट्र

भगतसिंह कोश्यारी को राज्यपाल पद से हटाए जाने का विपक्ष ने किया स्वागत

Teja
12 Feb 2023 4:10 PM GMT
भगतसिंह कोश्यारी को राज्यपाल पद से हटाए जाने का विपक्ष ने किया स्वागत
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मुंबई।महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से भगतसिंह कोश्यारी को हटाकर रमेश बैस को नया राज्यपाल बनाए जाने का स्वागत विपक्ष ने किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राज्यपाल को हटाने का फैसला देरी से लिया गया लेकिन इस फैसले का वे स्वागत करते हैं.

शरद पवार ने कहा कि मुझे लगता है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) बच गया है. यह फैसला बहुत अच्छा है. इस तरह का फैसला सरकार को बहुत पहले ले लेना चाहिए. महाराष्ट्र (Maharashtra) के नए राज्यपाल राज्य के लिए बेहतर काम करेंगे.

सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जो बीत गया, उस पर चर्चा करना बेमतलब है. नए राज्यपाल संविधान के दायरे में रहकर काम करेंगे, इस तरह की अपेक्षा है. सुप्रिया ने कहा कि नए राज्यपाल रमेश बैस के साथ वह काम कर चुकी हैं. वे बहुत ही सूझबूझ वाले, संस्कारिक और संवैधानिक दायरे में रहकर काम करने वाले हैं.

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी पार्टी के नेता की तरह काम करते थे. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद उनका व्यवहार बदल गया था. कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले सहित कई अन्य महापुरुषों का अपमान किया था. इसलिए केंद्र सरकार (Central Government)को उन्हें बहुत पहले ही हटा देना चाहिए था लेकिन देरी से सही केंद्र सरकार (Central Government)ने उन्हें हटा दिया इसका वे स्वागत करते हैं. शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government)ने देश में कई राज्यों के राज्यपालों की अदला बदली की है. इसलिए यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन जिस तरह से भगतसिंह कोश्यारी महापुरुषों का अपमान कर रहे थे, उसी समय अगर उन्हें राज्यपाल पद से हटाया जाता तो महाराष्ट्र (Maharashtra) को इससे संतुष्टि जरूर मिलती थी.

महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भगतसिंह कोश्यारी ने महापुरुषों का अपमान किया था, इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटा देना चाहिए था. लेकिन केंद्र सरकार (Central Government)ने भगतसिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर महाराष्ट्र (Maharashtra) का अपमान किया है. इसका परिणाम भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा.

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