महाराष्ट्र

अब चैरिटेबल ट्रस्ट को भी चुकानी पड़ सकती है 18 % GST, पढ़ें क्या है सरकार का फैसला

Gulabi
17 Nov 2021 11:04 AM GMT
अब चैरिटेबल ट्रस्ट को भी चुकानी पड़ सकती है 18 % GST, पढ़ें क्या है सरकार का फैसला
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चैरिटेबल ट्रस्ट को भी चुकानी पड़ सकती है 18 % GST
अब चैरिटेबल ट्रस्टों को भी गुड्स एंड सर्विसेट टैक्स (GST) चुकानी होगी. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) की महाराष्ट्र बेंच ने यह फैसला सुनाया है. महाराष्ट्र एएआर (AAR) ने फैसला सुनाया है कि चैरिटेबल ट्रस्ट उनके द्वारा प्राप्त अनुदान और गैर-परोपकारी दान पर 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है.
महाराष्ट्र पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत रजिस्टर्ड एक चैरिटेबल ट्रस्ट, जयशंकर ग्रामीण व आदिवासी विकास संस्था संगमनेर ने अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) की महाराष्ट्र बेंच से संपर्क किया था, जिसमें यह स्पष्ट करने की मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य सरकारों सहित विभिन्न संस्थाओं से दान/अनुदान में प्राप्त राशि पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है. ट्रस्ट एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में IT अधिनियम के तहत भी रजिस्टर्ड है.
अनाथ और बेघर बच्चों को देती है सुविधाएं
ट्रस्ट एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में IT अधिनियम के तहत भी रजिस्टर्ड है. यह ट्रस्ट 50 अनाथ और बेघर बच्चों को आवास, शिक्षा, कपड़े, खाना और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराती है.
महाराष्ट्र महिला व बाल कल्याण विभाग प्रति बच्चे के आधार पर 2,000 रुपये हर महीने ट्रस्ट को देती है. इसके अलावा ट्रस्ट को डोनेशंस भी मिलते हैं.
अपने फैसले में, एएआर ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा प्राप्त अनुदान के लिए 18 फीसदी वस्तु और सेवा कर (GST) चुकानी होगी.
इस मामले में नहीं लगेगा जीएसटी
दान के मामले में, एएआर ने कहा कि अगर दान का उद्देश्य परोपकारी है और इससे कोई व्यावसायिक लाभ नहीं होता है और यह विज्ञापन नहीं है, तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा. अन्य सभी मामलों में, दान पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि चैरिटेबल ट्रस्ट जुलाई 2017 से जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं.
जुलाई 2017 से भरना पड़ सकता है जीएसटी
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि चैरिटेबल ट्रस्ट जुलाई 2017 से जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं. इस फैसले से सभी चैरिटेबल ट्रस्टों की परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि वे शुरुआत से ही अप्रत्यक्ष कर कानूनों (Indirect Tax Law) के तहत टैक्स न्यूट्रल स्टेटस आनंद ले रहे हैं. उन्हें जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है.
मोहन ने कहा, महाराष्ट्र एएआर के फैसले के हिसाब से 18 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज व पेनाल्टी के साथ मिलकर 2017 से कैलकुलेट की गई जीएसटी ट्रस्ट पर वित्तीय भार डाल सकती है.
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