- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- महाराष्ट्र में बिजली...
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बिजली का एक और झटका, इस महीने के आखिर में बढ़ा हुआ बिल आएगा
Deepa Sahu
18 April 2022 5:33 PM GMT
x
कोयले की कमी के संकट (Coal Crisis) की वजह से कम बिजली उत्पादन की वजह से महाराष्ट्र में लोगों को लोड शेडिंग (Load shedding in maharashtra) घंटों तक बत्ती गुल (Power Cut) का सामना करना पड़ रहा है.
कोयले की कमी के संकट (Coal Crisis) की वजह से कम बिजली उत्पादन की वजह से महाराष्ट्र में लोगों को लोड शेडिंग (Load shedding in maharashtra) घंटों तक बत्ती गुल (Power Cut) का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अब महाराष्ट्र की जनता को बिजली का एक और झटका लगने वाला है. इस महीन के आखिर में बढ़ा हुआ बिजली बिल (Electricity Bill) आने वाला है. इस महीने ग्राहकों को अतिरिक्त सुरक्षा निधि भरनी पड़ेगी. साल भर में दो महीने के औसत इस्तेमाल में लाई गई बिजली की खपत को आधार मानते हुए संबंधित ग्राहकों के लिए रकम तय की जाएगी.
महाराष्ट्र करीब तीन हजार मेगावॉट बिजली की कमी से जूझ रहा है. कोयले की कमी की वजह से बिजली उत्पादन में कमी आई है. राज्य सरकार ने महंगे कोयले खरीद कर बिजली बिल बढ़ाने का विकल्प ना चुनते हुए लोड शेडिंग का उपाय चुना. लेकिन अब बिजली बिल बढ़ाने का फैसला भी सामने आ रहा है. राज्य में कोयले के संकट और बिजली उत्पादन को लेकर सामने आई समस्याओं पर कल (19 अप्रैल, मंगलवार) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दोपहरे 12 बजे राज्य के उर्जा मंत्री और उर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम मीटिंग करने वाले हैं.
मार्च के मुकाबले ज्यादा कोयले की सप्लाई, कोयला मंत्रालय ने हकीकत बताई
दूसरी ओर कोयला मंत्रालय ने एक अलग ही हकीकत बताई है. कोयले की संकट की बात को ठुकराते हुए मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र को मार्च के मुकाबले ज्यादा कोयले की सप्लाई की जा रही है. ऐसे में कोयले के संकट का रोना रोते हुए लोड शेडिंग की बात जो राज्य का उर्जा विभाग दोहरा रहा है, उसमें तथ्य नहीं है. कोयला मंत्रालय ने कोयले की कमी के संकट को लेकर यह सफाई दी है. मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक मार्च 2022 में महाराष्ट्र के बिजली उत्पादन केंद्रों को हर रोज 2.14 लाख टन कोयले की सप्लाई की जा रही थी. अप्रैल के महीने में 11 तारीख तक महाराष्ट्र को कोयले की सप्लाई हर रोज 2.76 लाख टन तक की जा रही है. इसलिए कोयले की कमी का संकट बता कर लोड शेडिंग करने की राज्य सरकार की बातों में कोई तथ्य नहीं है.
इसलिए वसूली जाएगी बढ़ी हुई सुरक्षा निधि
आम तौर पर बिजली कंपनियां मीटर रीडिंग के आठ दिनों बाद बिजली बिल भेजा करती है. इसके बाद बिल भरने के लिए तीन-चार हफ्तों की मोहलत मिलती है. इसके बाद भी 15-15 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाता है. ऐसे में बिजली ग्राहक बिल भरे बिना दो-ढाई महीने तक बिजली का उपभोग करता है. इस हालत में कंपनियों का नुकसान कम करने के लिए सुरक्षा निधि बढ़ाने का फैसला किया गया है.
Next Story