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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को कहा कि किसी को भी देश का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस के उस दावे के बाद आई है कि जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ कहकर संबोधित किया गया है।
जलगांव जिले के दौरे पर पहुंचे शरद पवार (Sharad Pawar) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए विशेष सत्र में कुछ अहम बिल पेश करने जा रही है। चर्चा है कि इस सत्र में भारतीय संविधान से इंडिया शब्द हटाने के लिए एक विधेयक लाया जाएगा। केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में विधेयक लाकर इंडिया गठबंधन का इंडिया शब्द बदलने की तैयारी कर रही है। शरद पवार ने केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी है और कहा है कि इस नाम को बदलने का अधिकार किसी को नहीं है।
पवार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) द्वारा बुधवार को बुलाई गई बैठक में उन पार्टियों के प्रमुखों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा जो विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या संविधान में ‘इंडिया’ का नाम बदला जाएगा, पवार ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पवार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बुधवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि बैठक में इस पर विचार-विमर्श होगा, लेकिन (देश का) नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं है। कोई भी नाम को नहीं बदल सकता।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार में 'राज्यों के संघ' पर हमला हो रहा है और दावा किया कि जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ बताया गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में नौ से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग ले रहे हैं।
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