- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- धारावी पुनर्विकास का...

x
मुंबई। लंबे समय से लटकी धारावी पुनर्विकास की योजना को पटरी पर लाने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis government) ने पहल की है। एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के पुनर्विकास के लिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएगी। साथ ही अतिरिक्त रियायत देकर परियोजना को पूरा किया जाएगा। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने की।
परियोजना के लिए विशेष प्रयोजन साधन (एसपीवी) बनाकर नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएगी और इसे अतिरिक्त सहूलियत प्रदान की जाएगी। इसमें रेलवे जमीन विकास प्राधिकरण के मार्फत रेलवे की जमीन के हस्तांतरण के नियम और शर्तें भी शामिल होंगी। इस संदर्भ में 5 नवंबर 2018 के निर्णय को रद्द करने के बारे में गृह विभाग की तरफ से दिनांक 15 सितंबर 2022 को निकाले गए शासन निर्णय को रद्द कर दिया गया है। ऐसे में पुराना शासन निर्णय फिर से लागू होगा।
कोविड महामारी से बनी स्थिति और समग्र बाजार की मंदी को ध्यान में रखते हुए निविदा के नियम और शर्तों को संशोधित किया जाएगा। परियोजना में रेलवे की अनुमानित 45 एकड़ जमीन को शामिल करने पर मंजूरी प्रदान की गई।
धारावी पुनर्विकास अब तक
वर्ष 2004 से एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के विकास की योजना बन रही है, लेकिन यह परियोजना अभी तक जमीन पर नहीं उतर सकी। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने धारावी पुनर्विकास की योजना तैयार की थी। 30 जनवरी 2016 को टेंडर की प्रक्रिया की पहली तारीख घोषित की थी। इसमें 16 बिल्डरों ने हिस्सा भी लिया था। बिल्डरों की बढ़ी एफएसआई की मांग के कारण टेंडर पास नहीं किया गया। धारावी के पुनर्विकास में रेलवे की जमीन बड़ी बाधा बनी। साल 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए रेलवे से जमीन मांगी थी, लेकिन रेलवे के जमीन सौंपने से इंकार करने के बाद निविदा को रद्द कर दिया गया था। धारावी पुनर्विकास परियोजना पहले लगभग 28,000 करोड़ रुपए की आंकी गई थी।

Rani Sahu
Next Story