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मुंबई। नागपुर -मुंबई बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग (Prosperity Highway) के पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 11 दिसंबर रविवार को उद्घाटन किया। महामार्ग के उद्घाटन के बाद महामार्ग जहां आम जनता के लिए खोल दिया है वही महामार्ग पर वसूल किए जाने वाले टोल (toll) को लेकर राज्य में सियासत शुरू हो गई है. राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि समृद्धि महामार्ग का निर्माण कार्य बढ़िया हुआ हैसड़क अच्छी बनी है लेकिन महामार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों को टोल महंगा है.इस विषय पर राज्य सरकार को सोचना चाहिए।पाटिल ने कहा कि यदि किसी सड़क पर इतने बड़े पैमाने पर टोल लगाया जाता है, तो लोग उस सड़क का उपयोग करने के बजाय पुराने मार्ग को अपनाना पसंद करेंगे। आखिर क्या वजह है इस रोड पर इतना टोल लगाने की.समृद्धि महामार्ग पर लगाए गए टोल का मुद्दा मैं शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि विदर्भ के लोगों के लिए यह बड़ी समस्या है। सड़क अच्छी है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मनमानी ढंग से यात्रियों से टोल वसूल किया जाएगा। इसलिए राज्य सरकार को इस बारे में कुछ सोचना चाहिए।इसके पहले जयंत पाटिल ने समृद्धि महामार्ग के उद्घाटन में विपक्ष नेता अजित पवार को निमंत्रण न मिलने का मुद्दा उठाया था जिसमे उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी उद्घाटन कार्यक्रम में अजित पवार को नहीं बुलाया गया.यह राज्य के शिष्टाचार के खिलाफ है.
कितना देना पड़ेगा टोल
समृद्धि महामार्ग का इस्तेमाल करने वाले वाहनों को कुल 18 टोल बूथों से गुजरना होगा। 520 किलोमीटर के इस कुल रूट के लिए हल्के वाहनों को 899 रुपये तक का टोल देना होगा.मुंबई से नागपुर तक के 701 किलोमीटर के पूरे सफर के लिए भारी वाहनों को करीब 1200 रुपये का टोल देना होगा।वही जबकि आम जनता के साथ -साथ सांसद और विधायकों को भी टोल चुकाना पड़ेगा।
Source : Hamara Mahanaga
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
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