महाराष्ट्र

नवाब मलिक के विभाग दूसरे मंत्रियों को सौंपने का एनसीपी ने लिया फैसला, इस्तीफे से इन्कार

Deepa Sahu
19 March 2022 6:24 PM GMT
नवाब मलिक के विभाग दूसरे मंत्रियों को सौंपने का एनसीपी ने लिया फैसला, इस्तीफे से इन्कार
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महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पार्टी नेता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के विभागों का बंटवारा पार्टी के दूसरे मंत्रियों के बीच करने का फैसला लिया है।

मुंबई, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पार्टी नेता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के विभागों का बंटवारा पार्टी के दूसरे मंत्रियों के बीच करने का फैसला लिया है। वर्तमान में मनी लांड्रिंग के एक मामले में नवाब मलिक न्यायिक हिरासत में हैं। विभाग बंटवारे के बाद शिवसेना की अगुआई वाली महा विकास अघाडी सरकार में मलिक के पास कोई विभाग नहीं रह जाएगा। राकांपा ने मलिक से इस्तीफा नहीं मांगने का निर्णय लिया है, जबकि विपक्षी भाजपा ने उनसे इस्तीफा लेने की मांग की है। महाराष्ट्र सरकार में मलिक के पास कौशल विकास व अल्पसंख्यक मामलों के विभाग हैं। इसके अलावा वह परभणी और गोंदिया जिलों के गार्जियन मंत्री भी हैं।


कौशल विकास विभाग राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को और अल्पसंख्यक मामले विभाग आवास मंत्री जितेंद्र अवहद को सौंपे जाएंगे। सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे को परभणी जिला सौंपा गया है। ऊर्जा राज्यमंत्री प्रजक्त तानपुरे गोंदिया जिले के नए गार्जियन मंत्री होंगे। महाराष्ट्र राज्य राकांपा के अध्यक्ष और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि मलिक के विभागों का बंटवारा करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री उसे राजभवन को अग्रसारित करेंगे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद भाजपा को भी मलिक पर हमले का मौका मिल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि नवाब मलिक से इस्तीफा तुरंत लिया जाना चाहिए या फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। फड़नवीस ने यह सवाल भी उठाया कि क्या सरकार दाऊद इब्राहिम के दबाव में नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं ले रही है?बता दें कि जिस भूमि खरीद मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नवाब मलिक की गिरफ्तारी हुई है, वह मामला सबसे पहले देवेंद्र फड़नवीस ने ही उठाया था। कुछ ही सप्ताह बाद इस मामले में पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और फिर ईडी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जिसके परिणामस्वरूप नवाब मलिक की गिरफ्तारी की गई है। मंगलवार को नवाब मलिक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज होने के बाद फड़नवीस ने कहा कि हाई कोर्ट ने नवाब मलिक की अर्जी खारिज कर ईडी की कार्रवाई को जायज ठहराया।


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