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मराठी बोर्ड न लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी मनपा!
Rani Sahu
23 Sep 2022 6:23 PM GMT

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मुंबई : दुकानों पर मराठी बोर्ड (marathi board) न लगाने वालों के खिलाफ मनपा 1 अक्टूबर से कार्रवाई शुरू करेगी। मनपा ने 30 सितंबर मराठी बोर्ड लगाने का आखिरी मोहलत दी है। मनपा उपायुक्त संजोग कबरे ने कहा कि मराठी बोर्ड लगाने को लेकर दुकानदार को कई बार मोहलत दी गई लेकिन अब मोहलत आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।उन्होंने कहा कि कार्रवाई करने को लेकर किस तरह का रुख और दंड लगाया जाए इसको लेकर मनपा आयुक्त के पास प्रपोजल भेजा गया है आयुक्त से अनुमति मिलते ही 1 अक्तूबर से कार्रवाई शुरू की जाएगी।
मनपा उपायुक्त संजोग कबरे ने कहा नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मनपा के निशाने पर मुंबई की साढ़े चार लाख दुकानें होंगी, जिनमें शो रूम, स्टोर्स व बड़ी दुकानें भी शामिल होंगी। नियम का उल्लंघन करनेवाले दुकानदारों से दुकान में काम करनेवाले प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2000 रुपये दंड वसूलने का प्रावधान है। दंड न भरने वालों के खिलाफ कोर्ट में मामला दाखिल किया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद 31 मई से दुकानों पर मराठी भाषा में बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया था। जिसे बढ़ा कर पहले 10 जून की गई फिर 30 जून और तीसरी बार 30 सितंबर की गई थी। वहीं फेडरेशन ऑफ़ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोशिएशन मुंबई के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक बीएमसी को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। राज्य सरकार ने 31 मई 2022 से दुकानों के बोर्ड मराठी में करना अनिवार्य कर दिया था। मुंबई के व्यापारियों ने मराठी साइन बोर्ड लगाने के लिए मोहलत देने की मांग राज्य सरकार और मनपा आयुक्त को पत्र लिखा था। साथ ही शिष्टमंडल ने ज्ञापन भी सौंपा था। व्यापारियों की मांग थी कि उन्हें मराठी बोर्ड लगाने के लिए सितंबर तक का मौक़ा दिया जाए। बारिश के दौरान इसके लिए दबाव न डाला जाए। जिसके बाद बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त आशीष शर्मा के नेतृत्व में अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें 30 सितंबर तक की मोहलत देने का निर्णय लिया गया था।
- तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने जनवरी 2022 में आदेश जारी कर मराठी भाषा में बोर्ड लगाना अनिवार्य किया था। दुकानदारों को 31 मई तक मराठी बोर्ड लगाना था। लेकिन उसे बढ़ा कर 10 जून किया गया था। दूसरी बार समय सीमा 10 जून से 30 जून और फिर 30 सितंबर तक की गई थी।
- राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार मुंबई में सभी दुकानों व प्रतिष्ठानों का बोर्ड बड़े मराठी अक्षरों में लिखना अनिवार्य किया गया है। दुकानों और प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड पर मराठी का शब्द अन्य भाषाओं के शब्दों से साइज से बड़ा होना चाहिए। महाराष्ट्र में दुकानों में बोर्ड पर मराठी नाम लिखने को लेकर फैसला 2017 में ही किया गया था लेकिन यह लागू नहीं हो पा रहा था. दुकानदार अपनी दुकानों में नाम की पट्टी बड़े अंग्रेजी के अक्षरों में लिखते थे और सिर्फ खानापूर्ति के लिए बोर्ड के किसी एक साइड में मराठी में भी छोटे अक्षरों में नाम लिख देते थे।
- मनपा ने मुंबई में शराब की दुकानों के बोर्ड पर महापुरुषों या किलों (फोर्ट) के नाम लिखने पर बैन लगाया है। इन दुकानों से भी महापुरुषों एवं किलों के नाम भी हटाने होंगे।

Rani Sahu
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