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महाराष्ट्र
26 मई को मुंबई के पीएमएलए कोर्ट ने टॉप्सग्रुप के मालिकों को हाजिर होने का दिया आदेश
Deepa Sahu
1 May 2022 5:47 PM GMT
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मुंबई: मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने मनी लॉड्रिंग के मामले में टॉप्सग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. दीवान राहुल नंदा और उनकी बेटी राशि नंदा को आगामी 26 मई को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है। पीएमएलए कोर्ट के विशेष जज एम.जी. देशपांडे ने 26 अप्रैल को इस संबंध में उद्घोषणा जारी की थी, जिसे रविवार को प्रकाशित किया गया।
ईडी इस मामले की जांच कर रही है। यह मामला 2014 का है, जब टॉप्स ग्रुप को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमडीआरए) के लिए सिक्योरिटी गार्ड का बंदोबस्त करने का ठेका मिला। कथित रूप से कंपनी को यह ठेका शिवसेना विधायक प्रताप सर्नाइक की मिलीभगत से मिला था। ईडी का कहना है कि एमएमआरडीए के लिए सिक्योरिटी गार्ड की संख्या में हेरफेर करके पैसे कमाये गए और इसके लिए सर्नाइक को घूस के रूप में 50 प्रतिशत रकम दी गई। ये गार्ड संविदा पर रखे गए थे।
ईडी का दावा है कि सर्नाइक ने इस रूप से जो रकम प्राप्त की, उसे उसने अक्सर तीसरी पार्टी के अकांउट में डाला, जो मनी लॉड्रिंग रैकेट का हिस्सा था। ईडी ने नवंबर 2020 में सर्नाइक के ठिकाने पर छापा मारा था। उसके बाद सीबीआई ने भी मई 2021 में शिवसेना नेता के ठिकाने पर छापा मारा। हालांकि, सर्नाइक ने इसे बदले की राजनीति के तहत की गई कार्रवाई कहा है।
नंदा को 2014 में पीएमएलए केस में गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन बाद में उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था। सर्नाइक ने जुड़े मामले में 52 साल का नंदा और उसकी 27 साल की बेटी फरार चल रहे हैं। ईडी ने इसीलिए दोनों के खिलाफ उद्घोषणा जारी करने का अनुरोध किया, ताकि उन्हें 30 दिन के भीतर अदालत के समक्ष उपस्थित हों।
ईडी ने बताया कि उसने वह गैर जमानती वारंट लेकर आरोपियों के आवास पर गई थी, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे। जस्टिस देशपांडे ने भी कहा कि वह देख रहे हैं कि अदालत में न तो आरोपी और न ही उनके वकील उपस्थित हैं और इसीलिए यह कहा जा सकता है कि या तो वे दोनों भाग गए हैं या छुपे हुए हैं, ताकि उन्हें गिरफ्तार न किया जा सके। इसके बाद जज ने दोनों आरोपियों को 26 मई को अदालत में उपस्थिति होने के लिए उद्घोषणा जारी की।
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