महाराष्ट्र

जलवायु परिवर्तन से मुंबई में दिखेगा और अधिक प्रदूषण

Rani Sahu
12 Dec 2022 5:41 PM
जलवायु परिवर्तन से मुंबई में दिखेगा और अधिक प्रदूषण
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मुंबई। पिछले एक सप्ताह से मुंबई में प्रदूषण (pollution) में भारी बदलाव हुआ है। मुंबई की हवा में धुल के कण का प्रमाण बढ़ा है जिससे सुबह के समय कोहरा का रूपले लेता है। इस बदलाव से लोगो में सांस और दमे की बीमारी का प्रमाण भी बढ़ा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आनेवाले वर्षों में सर्दियों में मुंबई के हवा की गुणवत्ता और अधिक ख़राब हो सकती है। जिसका प्रमाण हर साल बढ़ता ही जाएगा। इस साल नवंबर और दिसंबर में हवा की गुणवत्ता अधिकतर समय बेहतर नहीं थी। राहत की बात है कि चक्रवाती तूफ़ान माण्डौस (सायक्लोन माण्डौस) की वजह से और मुंबई में हवा की गति में तेजी आने से वायु प्रदूषण कम होने की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के तहत काम करने वाला सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के संस्थापक डॉ गुफरान बेग ने जलवायु-संबंधी कारकों से हवा की गति में गिरावट की वजह से हुई मुंबई के वायु प्रदूषण की समस्या बताया। उन्होंने बताया कि भूमध्यरेखीय प्रशांत में समुद्र का ठंडा तापमान घटने की वजह से भारत में सर्दियों का मौसम लंबा हो रहा है और तापमान में सामान्य से अधिक गिरावट हो रही है। यह आगे भी जारी रहेगा। इसके साथ ही, भारत का पश्चिमी क्षेत्र भूमध्य सागर में गर्माहट की वजह से प्रभावित है।
इसके परिणामस्वरूप मुंबई क्षेत्र और पश्चिम भारत के भागों में सामान्य से अधिक शांत हवाएं आ रही हैं। ऐसे में समुद्र से घिरी होने के बावजूद भी मुंबई में प्रदूषण संबंधित गतिविधयों से निकले वायु प्रदूषक का फैलाव आसानी से नहीं हो रहा है।"
मुंबई की ख़राब होती हवा के कारण:
सफर द्वारा मुंबई में जारी ख़राब हवा की गुणवत्ता के विश्लेषण से पता चला है कि उद्द्योग से होने वाले उत्सर्जन नवंबर और दिसंबर 2022 के दौरान हवा की ख़राब गुणवत्ता के लिए सिर्फ अकेले जिम्मेदार नहीं है। शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से होने वाले उत्सर्जन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे भी हवा प्रदूषण की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
-30%: परिवहन क्षेत्र का योगदान मुंबई के प्रदूषण में है
-18%: उद्द्योग
-20%: जैव ईंधन या घरेलू उत्सर्जन
-15%: हवा से उड़नेवाली धूल, मिटटी
बाकी मौसम से संबंधित कारक हैं जिनमें समुद्री नमक भी शामिल है।
Source : Hamara Mahanagar
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