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मुंबई पुलिस का खुलासा हॉन्ग कॉन्ग के किसी सर्वर में छिपाकर रखा गया लाखों भारतीयों का डाटा

न्यूज़क्रेडिट: न्यूज़18
मुंबई : फेक लोन एप के मामले की जांच में कई चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. चीन के सायबर ठगों ने फर्जी लोन एप्लिकेशन के माध्यम से करोड़ों रुपए के साथ-साथ लाखों भारतीयों के डेटा भी चुरा लिए हैं. जांच एजेंसियों को शक है कि चुराए गए ये डाटा का इस्तेमाल आनेवाले वक्त में गलत तरीके से करते हुए किसी भी तरह की देशविरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
ढाई लाख से ज्यादा लोगों का डाटा हैक
फेक लोन एप में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और खंगाले गए डेटा में जांच एजंसियों को तकरीबन ढाई लाख से ज्यादा लोगों के मोबाइल नम्बर, आधार, पैन, बैकिंग ट्रांजेक्शन, कोड तक हैक कर उन डाटा को चीन (China) और हॉन्ग कॉन्ग (Hong Kong) के किसी सर्वर बैंक में छुपाकर रखने की जानकारी मिली है.
भारतीयों का डाटा एक सर्वर बैंक में स्टोर किया गया
ढाई लाख लोगों के निजी जानकारियों की चोरी की शुरुआती जांच के दौरान यह बात उभरकर सामने आई है, जिसे अलग-अलग रूट्स एक-एक फाइल के रुप में स्टोर करते हुए चाइनीज ठगों तक पहुंचाया गया और फिर वो डेटा एक ऐसे सर्वर बैंक में स्टोर किया गया है, जिसका इस्तेमाल कभी चाइनीज हैकर्स वापस करते हुए आप के एकाउंट पर हाथ साफ कर सकते हैं. प्रॉक्सी वार के लिए भी इन डेटा का इस्तेमाल दोनों देशों का संबंध बिगड़ने पर कर सकते है. वहीं अर्थव्यवस्था तोड़ने के लिए भी फाइनेंशियल अटैक के लिए इन डाटा का इस्तेमाल किया जा सकता है.
मई महीने तक 105 सस्पेक्टेड एप आइडेंटिफाई
मुम्बई साइबर सेल के डीसीपी हेमराज सिंह राजपूत ने बताया कि हमने मई महीने तक 105 सस्पेक्टेड एप आइडेंटिफाई किए है और तब से अबतक 255 एप टेक डाउन किए हैं. लेकिन हमने नोटिस किया कि कई सस्पेक्टेड एप्स अभी भी नाम बदलकर उसी कंफिगरेशन के साथ उसी प्लेटफार्म पर एक्टिव हुए हैं. ऐसे में हमने मुहिम शुरु की, जिसे हम मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
तो यह इतिहास की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी होगी
जांच एजेंसियों के मुताबिक, चाइनीज़ सायबर चोरी किए गए उन डेटा का इस्तेमाल कर दुबारा से पीड़ितों के बैंक अकाउंट को ख़ाली करने की कोशिश कर सकते हैं और अगर वो कामयाब हुए तो ये इतिहास की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी होगी. इसकी वजह है कि एप्लिकेशन को गूगल से डिलीट किए जाने के बाद भी आज भी अलग-अलग बिजनेस, गेम, डिस्काउंट, लिक के नाम पर एप्लिकेशन लिंक भेजना और लोगों द्वारा उसका इस्तेमाल किया जाना.
क्या बरतें एहतियात, डीसीपी ने बताया
डीसीपी का कहना है कि लिंक या एप के जरिए जब भी हम अलग-अलग तरह से आने वाले फर्जी लोन एप्लिकेशन को डाउनलोड करते हैं तो वो हमारे फ़ोन, कैमरा, डाटा, सबको वो एक्सेस देते हैं और सायबर ठग इसी का फायदा उठाते हैं. वह बताते हैं कि इससे बचने का केवल एकमात्र जरिया है, जरूरी परिकाशन्स लेना. लोन एप्लिकेशन एप के इस्तेमाल से बचें. उन्हें तुरंत डिलीट कर देना चाहिए और जितने भी एप्लिकेशन हैं, खासकर ऑनलाइन पेमेंट एप्लिकेशन उनका पासवर्ड बदले. कोई भी एप्लिकेशन को जब हम डाउनलोड करते हैं तो उसने तीन चीज़ पूछी जाती हैं don't allow, allow while using app और always. उसमें से हमें सेटिंग में जाकर allow while using app कर देना है, ताकि उसका एक्सेस कोई और ना ले सके.
न्यूज़क्रेडिट: न्यूज़18