महाराष्ट्र

मानसून कहर से मुंबई में 24 घंटे में छह की मौत

Shreya
27 Jun 2023 5:31 AM GMT
मानसून कहर से मुंबई में 24 घंटे में छह की मौत
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मुंबई। एक पखवाड़े की देरी से मानसून महाराष्‍ट्र पहुंच गया है, हालांकि यह कहर बनकर आया है और देश की वाणिज्यि‍क राजधानी में पिछले 24 घंटे में छह लोगों की जान ले चुका है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट के साथ अगले 48 घंटे में मुंबई में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जैसे कई जिलों में भी 30 जून तक के लिए अलग-अलग स्‍तर के अलर्ट जारी किए गए हैं।

उत्तर-पूर्व मुंबई के गोवंडी में शनिवार देर रात बारिश के बाद सड़क की सफाई करते समय दो ठेका कर्मचारी मैनहोल में गिर गए। उनकी पहचान 30 वर्षीय राम कृष्ण और 35 वर्षीय सुधीर धास के रूप में हुई है।

पश्चिमी उपनगरों के विले पार्ले गांव इलाके में रविवार की सुबह एक दो मंजिला इमारत के गिरने से एक बुजुर्ग दंपत्ति – 65 वर्षीय प्रिसिला मिसकिटा और उनके 70 वर्षीय पति रोबी मिसकिटा की मौत हो गई।

इसके कुछ ही घंटों बाद, घाटकोपर पूर्व में रमाबाई अंबेडकर नगर में एक मकान ढह गया, जिसमें कई लोग फंस गए। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हो गए।

उनकी पहचान 94 वर्षीय अलका पलांडे और उनके 56 वर्षीय बेटे नरेश पलांडे के रूप में हुई है। उनके शव सोमवार सुबह मलबे से बरामद किए गए।

घायल पीड़ितों को राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां सोमवार को बीएमसी आपदा नियंत्रण ने उनकी हालत स्थिर बताई है।

एक वरिष्ठ नागरिक 75 वर्षीय वासुमथी नायर भांडुप पश्चिम के बादल सोसाइटी में उनके घर में बाढ़ का पानी घुसने से गिर गईं। उन्हें मामूली चोटें आईं। उनकी बेटी मिनी पी. मेनन ने कहा कि विडंबना यह है कि बीएमसी ने पानी के रिसाव को रोकने के लिए सड़क की मरम्मत की थी।

मुंबई और तटीय कोंकण क्षेत्र में सोमवार को पूरे दिन भारी बारिश या बौछारें जारी रहीं, हालांकि रेल, सड़क या हवाई यातायात में कोई बड़ा व्यवधान नहीं हुआ।

शहर और उपनगरों के कुछ इलाकों में जलजमाव की सूचना मिली है, जिसमें भूतल के घरों, कुछ निचली सड़कों और सब-वे में पानी घुस गया है, जिससे लोग सतर्क हो गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पहली ही बारिश में शहर के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ़ के लिए बीएमसी की आलोचना की और पूछा कि “नालों/नालियों की सफाई पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये कहां गए”।

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