महाराष्ट्र

बिना गिरफ्तारी जब्त हो सकता है मोबाइल, कोयला तस्करी में हाई कोर्ट ने दी राहत

Deepa Sahu
20 Jun 2022 6:44 AM GMT
बिना गिरफ्तारी जब्त हो सकता है मोबाइल, कोयला तस्करी में हाई कोर्ट ने दी राहत
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उकनी कोल माइंस के हेड सिक्योरिटी गार्ड दशरथ डवरे की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सचिन रामटेके के खिलाफ हत्या का प्रयास और कोयले की तस्करी को लेकर मामला दर्ज किया.

नागपुर. उकनी कोल माइंस के हेड सिक्योरिटी गार्ड दशरथ डवरे की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सचिन रामटेके के खिलाफ हत्या का प्रयास और कोयले की तस्करी को लेकर मामला दर्ज किया. मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए सचिन रामटेके की ओर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने अग्रिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए. रामटेके की ओर से अधि. रमेश रावलानी और अधि. अतुल रावलानी ने पैरवी की. अभियोजन पक्ष के अनुसार उकनी कोल माइंस में दशरथ मुख्य सुरक्षा कर्मचारी के रूप में कार्यरत था. 10 फरवरी की रात एरिया सिक्योरिटी इंचार्ज राजमंगल ने फोन कर बताया कि कुछ लोग 2 ट्रक भरकर कोयले लेकर जा रहे हैं.


नहीं भरी थी कोयले की रॉयल्टी
अभियोजन पक्ष के अनुसार सूचना मिलते ही दशरथ और खदान के अन्य कर्मचारी कोयला चोरों को पकड़ने के लिए निकल पड़े. इसी बीच पुलिस को भी सूचना देकर घटनास्थल पर आने को कहा गया. घटनास्थल पर पहुंचते ही कोयला चोर ट्रक लेकर भागने लगे. उन्हें पकड़ने की कोशिश करने पर आरोपियों ने दशरथ और अन्य कर्मचारियों पर पथराव शुरू कर दिया. साथ ही ट्रक चालक ने इन्हें ट्रक से कुचलने का प्रयास भी किया. ट्रक लेकर भागते हुए आगे जाने के बाद कुछ दूरी पर चेक पोस्ट होने से उन्हें रुकना पड़ गया. रंगेहाथ पकड़ने के बाद उनसे दस्तावेज मांगे गए लेकिन उनके पास कोयले की रॉयल्टी नहीं थी. ट्रक चालक ने बताया कि कोयला उकनी खदान से भरकर ले जाया जा रहा था.

मोबाइल से बात करना गलत नहीं
घटना चक्र में पुलिस की ओर से ट्रक चालक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जबकि अन्य 6 आरोपी भागने में कामयाब हो गए. अभियोजन पक्ष के अनुसार याचिकाकर्ता सचिन ने ही ट्रक ड्राइवर को उकनी खदान का रास्ता दिखाया था. वह मुख्य आरोपियों से मोबाइल फोन से निरंतर सम्पर्क में था. इसी षडयंत्र की वजह से घटना को अंजाम दिया जा सकता है. अत: आरोपी से मोबाइल जब्ती करना जरूरी है. सचिन की पैरवी कर रहे अधि. रावलानी ने कहा कि केवल मोबाइल पर संवाद करना, यह साबित नहीं करता है कि याचिकाकर्ता इस मामले में शामिल हैं. इसके अलावा मोबाइल की जब्ती आरोपी को गिरफ्तार किए बिना भी हो सकती है. यहां तक कि इसी मामले में अन्य आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.


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