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ठाणे : घोड़बंदर रोड (Ghodbunder Road) पर गड्ढों (Pits) को लेकर मनसे (MNS) द्वारा अनोखा आंदोलन (Protest) शहर में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, मनसे ने राज्य लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक कार्यालय में गड्ढों की प्रदर्शनी लगाकर निषेध जताया। इतना ही नहीं मनसे के उपशहर अध्यक्ष पुष्कर विचारे और विधि और जनहित विभाग अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर की अगुवाई में घोड़बंदर रोड की दुर्दशा के खिलाफ विभाग को गड्ढों का एल्बम भी भेंट किया गया। गत दो-तीन महीनों से गड्ढों के कारण घोड़बंदर रोड का बुरा हाल है। जिस कारण दो-दो घंटे यातायात जाम म झेलनी पड़ रही है। सबसे अहम बात यह है कि कई वर्षों से अब तक लोक निर्माण कार्य विभाग द्वारा घोड़बंदर रोड की दुरुस्ती का काम भी नहीं किया गया है। जिस कारण रोड गड्ढा मय होने के साथ ही खतरनाक भी हो गया है। वाहन दुर्घटनाओं के साथ ही मौतों का सिलसिला भी जारी है। इन बातों की जानकारी विचारे और महिंद्रकर ने देते हुए कहा कि घोडबंदर राज्य महामार्ग 42 पर रोजाना 10,000 से अधिक वाहनों की आवाजाही हो रही है। साथ ही यह महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्ग 48 भी घोड़बंदर रोड से जुड़ा हुआ है। जिस कारण जेएनपीटी, नवीं मुंबई, वेस्टर्न मुंबई और नासिक सभी भागों को घोड़बंदर रोड जोड़ता है। इसलिए इस रोड पर भारी वाहनों की लगातार कतार लगी रहती है। एसटी बस, चार पहिया वाहन और रिक्शा आदि की भी आवाजाही घोड़बंदर रोड पर नियमित होती रहती है। सड़कों के देखभाल में लोक निर्माण विभाग बारात रहा लापरवाही मनसे का आरोप है कि घोड़बंदर रोड लोक निर्माण विभाग के अधीन दिए जाने के बाद से अब तक उसने इस रोड की देखभाल नहीं की। जबकि एमएसआरडीसी ने यह रोड देखभाल के निमित्त ही पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित किया था। घोड़बंदर रोड के लिए 250 करोड़ रूपए खर्च किया गया है। इसके साथ ही इस मार्ग पर लगने वाले टोल 23 फरवरी 2021 को ही बंद कर दिया गया है। परंतु गए डेढ़ साल से इस रोड से संबद्ध किसी भी तरह का काम नहीं किया गया। नई सरकार ने रोकी निधि वहीं मनसे के इस आंदोलन को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक विलास कांबले ने बताया कि प्रस्तावित निधि नई सरकार आने के कारण रोक दी गई है। इस कारण वे किसी भी तरह का काम करने में समर्थ नहीं है।
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