महाराष्ट्र

मंत्री योगेश कदम ने दिया भाषाई सौहार्द का संदेश

SHIDDHANT
3 Nov 2025 9:09 PM IST
मंत्री योगेश कदम ने दिया भाषाई सौहार्द का संदेश
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Ratnagiri रत्नागिरी: राज्य के मंत्री योगेश रामदास कदम ने भाषाई विवादों के बीच एक अहम बयान देते हुए कहा है कि हिंदी बोलना मराठी भाषा का अपमान नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और विशेष रूप से मुंबई में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी नागरिक रहते हैं, जो इस राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना का अभिन्न हिस्सा हैं। मंत्री कदम ने कहा, “हिंदी बोलने का अर्थ यह नहीं है कि कोई मराठी का अनादर कर रहा है। महाराष्ट्र और मुंबई में बहुत से हिंदी भाषी लोग रहते हैं, जो इस राज्य के विकास में बराबर की भूमिका निभा रहे हैं। हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन मराठी हमारी मातृभाषा है — इसका विकास, अस्तित्व और सम्मान सबसे ऊपर रहना चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाषाओं को लेकर विवाद या टकराव पैदा करना समाज को कमजोर करता है। “भाषा विभाजन का नहीं, जोड़ने का माध्यम है,” उन्होंने कहा। मंत्री कदम ने युवाओं से अपील की कि वे मराठी भाषा के प्रति गर्व महसूस करें और इसे तकनीक, शिक्षा और प्रशासन के माध्यम से आगे बढ़ाने में योगदान दें। योगेश कदम ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार राज्यभर में मराठी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई नई पहलें कर रही है। इसमें स्कूलों में मराठी को अनिवार्य विषय बनाने से लेकर सांस्कृतिक आयोजनों में स्थानीय साहित्य और लोककला को बढ़ावा देने के प्रयास शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की ताकत उसकी भाषाई विविधता और समरसता में है। “हमारे राज्य में मराठी, हिंदी, उर्दू और कई अन्य भाषाएं बोली जाती हैं। यह हमारी संपत्ति है, और हमें इसका सम्मान करना चाहिए,” उन्होंने कहा। कदम के इस बयान को राज्य में चल रही भाषाई बहस के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक बयानों ने मराठी बनाम हिंदी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। ऐसे में मंत्री योगेश कदम का यह बयान एक संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है।
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