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सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई
नागपुर. प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के दौरान दोपहर को भोजन उपलब्ध कराने की योजना सरकार की ओर से जारी की गई थी. बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस संदर्भ में इच्छुकों से टेंडर मंगाए गए. टेंडर की प्रक्रिया में सबसे न्यूनतम बोली लगाने के बावजूद अन्न आपूर्ति के लिए कार्यादेश नहीं किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई.
इसी तरह से ठेका पाने के लिए किचन और गोदाम की आवश्यकताओं को लेकर योग्यता में परिवर्तन किए जाने के बाद भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अवसर नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस तरह से एक ही मसले को लेकर अलग-अलग याचिकाएं होने के कारण शुक्रवार को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सभी याचिकाएं एकसाथ 12 अगस्त को सुनवाई के लिए रखने के आदेश देकर मामला स्थगित कर दिया.
2,000 की जगह 1,500 वर्ग फुट की शर्त
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि मिड डे मिल का ठेका लेने से पूर्व मनपा ने ईओआई मंगाया था. इच्छुकों के लिए मनपा ने कुछ शर्ते रखी थी. जिसके अनुसार किचन के लिए 1,000 वर्ग फुट और गोदाम के लिए 1,000 वर्ग फुट आवश्यक होने की जानकारी दी गई थी. प्राथमिक शिक्षा संचालक की ओर से 29 जून 2022 को नए दिशानिर्देश जारी किए.
जिसके अनुसार मनपा आयुक्त ने स्थानीय स्तर पर शर्तों में संशोधन किया. 8 जुलाई 2022 को पूरी की गई टेंडर प्रक्रिया के बाद किचन और गोदाम के लिए 2,000 वर्ग फुट की आवश्यकता घटाकर 1,500 वर्ग फुट कर दिया गया. नई शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता टेंडर पाने की योग्यता रखता था. किंतु ईओआई में अलग योग्यता दर्शाएं जाने के कारण टेंडर में हिस्सा ले पाना संभव नहीं हुआ है.
विदर्भ की अनेक स्कूलों में करना है सप्लाई
इसके पूर्व एक अन्य याचिका पर अदालत का मानना था कि विदर्भ की अनेक स्कूलों में मिड डे मिल की सप्लाई होनी है. प्राथमिक स्कूल के छोटे बच्चों के लिए यह अनिवार्य है. टेंडर के इस उद्देश्य को उजागर कर अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी. उक्त याचिका खारिज हो जाने के बाद टेंडर के सफल टेंडरधारक को कार्यादेश दिया जाना था. किंतु यह नहीं किया गया. अत: विभाग को पत्र दिया गया लेकिन किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.
नवभारत.कॉम
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Rani Sahu
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