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
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मुंबई। मनपा प्रशासन ने एक परिपत्रक निकालकर मुंबई (Mumbai) के सार्वजनिक शौचालयों के साफ सफाई पर रोक लगा दी है।मनपा प्रशासन ने इसके अलावा शौचालयों के मरम्मत आदि पर भी रोक लगा दिया है।मनपा ने अपने परिपत्रक में मुंबई के 24 वार्डो के अधिकारियो को यह निर्देश दिया है कि सार्वजनिक शौचालयों (public toilets) की साफ सफाई और अन्य कामों पर कोई खर्च नहीं किया जाएगा।इन कामों पर किए जाने वालें खर्च का पैसा दूसरे कामों पर किया जाएगा।मनपा प्रशासन ने यह निर्णय लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के स्वच्छता अभियान पर कठुराघात के रूप में देखा जा रहा है।
मुंबई में करीब डेढ़ करोड़ आबादी को पानी, सड़क, शौचालय , साफ़-सफाई जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करना मनपा की प्रमुख जिम्मेदारी है। मनपा ने मुंबई में सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल पर रोक लगा दी है। मनपा इन शौचालयों का देखभाल का पैसा दुसरे काम में लगाने का निर्देश दिया। मनपा ने जुलाई में एक आदेश जारी कर कहा है कि मनपा शौचालयों में जनरल सिविल रिपेयर, सिविल इलेक्ट्रिक रिपेयर और डी- स्लिटिंग सेप्टिक टैंक की सफाई नहीं करेगी। घनकचरा विभाग के चीफ इंजीनियर भारत तोरणे ने कहा कि हम जल्द की नया सर्कुलर लानेवाले हैं जिसके तहत शौचालयों की देखभाल के लिए आवंटित पैसे को बायो- रेमिडिएशन प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए अलग से पैसा नहीं होने की जानकारी दी। भाजपा के पूर्व नगरसेवक अभिजीत सामंत ने मनपा के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि मनपा ने जो निर्णय लिया है उसके अनुसार शौचालयों के मरम्मत पर रोक लगा दी है। चाल और झोपड़पट्टी में रहनेवाले लोगों के दैनिक आवश्यकता उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया है। उन्होंने इस निर्णय को तत्काल रद्द करने की मांग की है। मनपा विरोधी पक्ष नेता रहे रविराजा ने कहा कि शौचालय और पानी उपलब्ध कराना मनपा का प्रमुख कार्य है। मनपा ऐसे मूलभूत सुविधाओं से नागरिकों को कैसे वंचित कर सकती है। झोपड़पट्टी में पहले से शौचालयों की दयनीय स्थिति है। मनपा के इस निर्णय से शौचालयों की स्थिति और खराब हो जाएगी।
मनपा के इस निर्णय से झोपड़पट्टी में रहनेवाले लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस संबंध में अतिरिक्त आयुक्त डॉ. संजीव कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मनपा द्वारा जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि संजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपायुक्त संगीता हसनाले ( घनकचरा ) व अन्य अधिकारी शामिल थे। जहां यह निर्णय लिया गया। बायो- रेमिडिएशन प्रोजेक्ट पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जी नॉर्थ वार्ड (दादर) में शुरू किया गया है। वहीं गांधवेड और वायुवेड (एसआइटीसी) प्रोजेक्ट को एन वार्ड (घाटकोपर) में पूरा किया गया है। अतिरिक्त आयुक्त ने घनकचरा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह दोनों प्रोजेक्ट सभी 24 वार्डों में शुरू किया जाए। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रलाइज्ड या वार्ड स्तर पर लागू किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ओर स्वच्छता को लेकर रोजाना नया संदेश दे रहे है लेकिन मनपा अधिकारी उनके ही स्वस्छता अभियान पर कठुराघात किया जा रहा है।
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