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महाराष्ट्र MAHARASTRA : के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सत्ता में आते ही वह धारावी Redevelopment रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्ट अडानी की कंपनी से वापस ले लेंगे और फिर से नया टेंडर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार इस प्रोजेक्ट में गड़बड़ी कर रही है और अपने चहेतों की कंपनी को टेंडर दे रही है। उन्होंने कहा कि धारावी में रहने वाले लगों और उनके कारोबार को इधर-उधर करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले हर परिवार को कम से कम 500 स्क्वायर फीट का घर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, हम धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के ठेके को ही रद्द कर देंगे और नई शर्तों के साथ नया टेंडर निकाला जाएगा। वहीं सरकार को जवाब देना चाहिए कि इस टेंडर को अभी क्यों नहीं कैंसल किया जा सकता। हम मुंबई को अडानी सिटी नहीं बनने देंगे। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार अडानी ग्रुप के लिए खूब काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।
ठाकरे के आरोपों को लेकर जब महाराष्ट्र की प्रिंसिपल सेक्रेटरी (हाउसिंग) वालसा नायर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हमें नहीं पता है कि उन्होंने क्या कहा इसलिए इसपर टिप्पणी नहीं कीजा सकती। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के CEO सीईओ ही इसपर कमेंट कर सकते हैं। एकनाथ शिंदे की पार्टी के राहुल शेवाले ने कहा कि उद्धव ठाकरे के आरोप निराधार हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी शनिवार को कहा था कि धारावी की जमीन अडानी को दी जा रही है। यह तो बस शुरुआत है। वर्ली की भी कई करोड़ की डेयरी जमीन अडानी की कंपनी को सस्ती कीमत में देने की तैयारी है।वहीं शेवाले ने कहा कि ठाकरे प्रोजेक्ट में टांग अड़ाने की कोशिश कर रहे हैं और अडानी पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। हाल ही में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे की पार्टी को चंदा लेने के योग्य बता दिया है और चंदे की लालच में ही वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को विश्वास में लेने के बाद ही धारावी में 350 स्क्वायर फीट का घर देने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि एयर ट्रैफिक रेग्युलेशन और अन्य चीजों को देखते हुए इससे बड़ा घर देना संभव भी नहीं है।
अब लोगों को गुमराह करने के लिए 500 स्क्वायर फीट के घर की मांग रखी गयी है। सभी को पता है कि धारावी नेचुरल पार्क, धारावी कोलीवाड़ा और धारावी सीवेज प्लांट की वजह से बड़ा हिस्सा रिहाइशी नहीं बनाया जा सकता है। वहीं ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, आखिर धारावी के पुनर्विकास का मतलब क्या है? ये लोग अडानी को धारावी और मुंबई दोनों दे देना चाहते हैं। उन्होंने शह में अडानी को TRANSFFER ट्रांसफर डिवेलपमेंट राइट दे दिए हैं। अगर धारावी के लोगों को वहीं मकान नहीं मिलते हैं तो इस प्रोजेक्ट का टेंडर अडानी से लेकर किसी और को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अडानी की कंपनी को जो अतिरिक्त छूट दी गई है, वह नहीं मिलनी चाहिए। बता दें कि नवंबर 2022 में गौतम अडानी की कंपनी अडानी रियल्टी ने धारावी के 259 हेक्टेयर के पुनर्विकास का प्रोजेक्ट का टेंडर 20 हजार करोड़ से ज्यादा में जीता था।
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