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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, एक साल तक MBBS स्टूडेंट्स को गांव में मुफ्त सेवा देना जरूरी
Renuka Sahu
16 Jun 2022 2:27 AM GMT
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फाइल फोटो
महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2022 से एमबीबीएस छात्रों के लिए नए नियमों की घोषणा की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2022 से एमबीबीएस छात्रों के लिए नए नियमों की घोषणा की है. इन नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब महाराष्ट्र में एमबीबीएस छात्रों के लिए अपना कोर्स पूरा करने के बाद एक साल का ग्रामीण सेवा देना अनिवार्य होगा. एमबीबीएस छात्र (MBBS Students) जो सरकारी फंड संस्थानों से स्नातक होंगे और साथ ही वे छात्र जिनकी फीस प्राइवेट मेडिकल (MBBS Private College) कॉलेजों में सब्सिडी दी गई है, उन्हें ग्रामीण कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करना होगा. इस घोषणा को लेकर राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 13 जून 2022 को एक सर्कुलर जारी किया था.
जुर्माना देकर ड्यूटी से बचने का नियम अब नहीं होगा लागू
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव महाराष्ट्र सरकार द्वारा ये देखने के बाद लाया गया है कि कई छात्र 10 लाख रुपये का जुर्माना जमा दे रहे हैं और अपने ग्रामीण कार्यकाल को छोड़ रहे हैं. नए दिशानिर्देश के मुताबिक, अब गांव में अपनी सेवा सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मतलब है कि 2027 से 2028 के स्नातक बैच को ग्रामीण क्षेत्रों में एक साल की सेवा देनी होगी. पहले स्टूडेंट्स जुर्माना भरकर इस अपनी ड्यूटी से बच जाते थे.
गांव के लोगों को मिलेगी राहत, स्टूडेंट्स के कौशल का होगा इस्तेमाल
जारी सर्कुलर में कहा गया है कि राज्य हर साल सब्सिडी वाली राशि पर छात्रों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने पर करोड़ों खर्च करता है. गांव में सेवा देना का कार्यकाल इसलिए शुरू किया गया था ताकि राज्य के ग्रामीण हिस्सों में लोगों को राहत मिले और साथ ही स्टूडेंट्स के कौशल का इस्तेमाल हो सके, लेकिन ये देखा गया कि स्टूडेंट्स 10 लाख तक का जुर्माना भर रहे हैं और ग्रामिण सेवा कार्यकाल पूरा नहीं कर रहे हैं.
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छात्रों में 'सामाजिक जिम्मेदारी और सेवा' की भावना पैदा करने के लिए ग्रामीण कार्यकाल को अनिवार्य कर दिया गया है.
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