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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार ने मेस्मा कानून किया लागू, बिजली कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने पर लगी रोक
Deepa Sahu
27 March 2022 6:52 PM GMT
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महाराष्ट्र की सरकारी बिजली कंपनियों में काम करने वाले इंजीनियरों, टेकनीशियंस, कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों ने रविवार रात 12 बजे से दो दिनों की हड़ताल (28 और 29 मार्च) पर जाने की घोषणा की थी.
महाराष्ट्र की सरकारी बिजली कंपनियों में काम करने वाले इंजीनियरों, टेकनीशियंस, कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों ने रविवार रात 12 बजे से दो दिनों की हड़ताल (28 और 29 मार्च) पर जाने की घोषणा की थी. लेकिन राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों-कर्मचारियों और मजदूरों पर महाराष्ट्र जीवनावश्यक सेवा अधिनियम (Maharashtra Essential Services Maintenance Act-MESMA) लागू कर हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. इससे अब प्रस्तावित हड़ताल शुरू करना मना हो गया है. बता दें कि राज्य प्रशासन ने रविवार को अधिसूचना जारी कर यह आदेश दिया है. राज्य सरकार में उर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (Dr. Nitin Raut) हैं.
राज्य प्रशासन ने अपनी अधिसूचना में यह साफ किया है कि महानिर्मिती, महावितरण और महापारेषण, इन सरकारी बिजली कंपनियों के अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवाएं अत्यावश्यक सेवाओं की श्रेणी में आती हैं. इसलिए इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर महाराष्ट्र इशेंसिएल सर्विसेस मेंटेनेंस ऐक्ट कानून लागू है. ऐसे में उनके हड़ताल पर जाने पर रोक है.
बढ़ती गर्मी, 10वीं,12 वीं की परीक्षा, फसलों की सिंचाई का सवाल, नहीं कर सकते हड़ताल
उर्जामंत्री डॉ. नितिन राउत ने इससे पहले राज्य की बिजली कंपनियों का किसी भी हालत में निजीकरण नहीं किया जाएगा, ऐसा आश्वासन अलग-अलग वक्त में दिया है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन की कोशिशों का भी राज्य सरकार के उर्जा विभाग द्वारा विरोध किया जाता रहा है. बढ़ते हुए तापमान, 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा, अलग-अलग फसलों के लिए सिंचाई की जरूरतों का ध्यान रखते हुए राज्य की जनता को निरंतर पावर सप्लाई होती रहे, इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकारी बिजली कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों के प्रस्तावित हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है.बता दें कि राज्य की अलग-अलग सरकारी बिजली कंपनियों के अधिकारी, कर्मचारी और मजदूर आज रात 12 बजे (28 मार्च) और कल (29 मार्च) अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने वाले थे. लेकिन अचानक राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर यह आदेश दे दिया गया है कि मेस्मा के तहत हड़ताल पर जाने पर पाबंदी है. अब अगर अधिकारी, कर्मचारी और मजदूर हड़ताल पर चले जाते हैं तो वे मेस्मा कानून का उल्लंघन करते हैं. इससे सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
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