महाराष्ट्र

21 घंटे जुलूस के बाद हुआ लालबाग राजा का विसर्जन

Rani Sahu
10 Sep 2022 5:43 PM GMT
21 घंटे जुलूस के बाद हुआ लालबाग राजा का विसर्जन
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मुंबई। शुक्रवार को सुबह से अनंत चतुर्दशी पर शुरू हुआ गणपति बप्पा का विसर्जन (Immersion of Ganpati Bappa) शनिवार को सुबह 9 30 बजे तक चलता रहा। लालबाग के राजा (Raja of Lalbagh) जिनकी विदाई की यात्रा शुक्रवार को सुबह 11 30 बजे शुरू हुई और शनिवार को लगभग 21 घंटे तक जुलूस में रहने के बाद शनिवार सुबह लगभग 9 30 बजे गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन किया गया।21 घंटे के भारी अंतराल के बावजूद भाविको में जो उत्साह लालबाग राजा के भायखला स्थित मंडप से निकलने के पर्व आखिरी पूजा अर्चना के समय था वही उत्साह गिरगांव चौपाटी पर आखिरी विदाई के समय गिरगांव चौपाटी पर आखिरी आरती के समय भाविको में दिखाई दिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले दस दिनों से मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गणपति बप्पा की भाव पूर्ण से पूजा अर्चना की गई । शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को आखिरी विदाई भाविकों ने नम आखों से दी। भाविको में गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ कि जय घोष से आखिरी विदाई दी गई । शुक्रवार की शाम को भी पिछले दो दिनों की तरह शाम को बारिश शुरू हो गई थी जिससे माना जा रहा था कि बप्पा की विदाई में विघ्न पड़ जाएगा।लेकिन भाविको के उत्साह में कोई कमी नहीं आई । भारी बारिश के बीच भी लोग बप्पा के जयघोष लगाते और अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ विदाई करते रहे। लालबाग के राजा को आखिरी विदाई देने के लिए लालबाग स्थित मंडप में शुक्रवार की सुबह 11 30 बजे आखिरी आरती के साथ विदाई की यात्रा निकली।लाखो की संख्या में लोगो का हुजूम सड़क पर उतर आया था।लालबाग राजा के पहले मुंबई के राजा कहे जाने वाले गणेश गल्ली के बप्पा की विदाई की यात्रा निकली थी।शनिवार को गिरगांव चौपाटी पर लालबाग राजा के साथ कुछ और मंडलों के बप्पा की मूर्ति को पूजा अर्चना के साथ आखिरी विदाई दी गई और बप्पा को अगले बरस जल्दी आने की कामना कें साथ विसर्जन खत्म हुआ।लालबाग के राजा की यात्रा जब गिरगांव पहुंची उस समय भी हजारों की संख्या में भाविक चौपाटी पर मौजूद थे । बप्पा को विदाई देने के लिए चौपाटी पर नम आखों से आरती कर बप्पा को विदाई दी गई।लालबाग राजा की यात्रा लगभग 21 घंटे तक सड़को पर रही इस दौरान पुलिस प्रशासन को भी हर समय किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए चौकन्ना रहना पड़ा।मनपा प्रशासन द्वारा गिरगांव चौपाटी सहित दादर माहिम जुहू चौपाटी सहित अन्य चौपाटियो और कृत्रिम तालाब के विसर्जन स्थलों पर भक्ति भाव के साथ बप्पा को आखिरी विदाई दी गई। दसवें दिन चौपाटीयो के विसर्जन स्थल सहित कृत्रिम तालाबों में कुल 38 हजार 214 मूर्तियो का विसर्जन किया गया जिसमे 6647 सार्वजनिक 31259 घरगुती और 308 गौरी का समावेश था। जबकि मनपा द्वारा उपलब्ध कराए गए कृत्रिम तालाब में 9751 मूर्तियो का विसर्जन किया गया जिसमे सार्वजनिक 796 घरगुती 8873 और 82 गौरी का समावेश था।
2019 से भी इस साल कम मूर्तियां हुई स्थापित
मंहगाई का पड़ रहा असर
पिछले दो सालो से कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंध में पूजा अर्चना करने को मजबूर भक्तो को इस साल त्योहार मनाने की पूरी छूट मिली थी।जिसके चलते गणेशोत्सव के दौरान लोगो का भारी उत्साह दिखाई दिया। इसके बावजूद 2019 में मुंबई में कुल 1 लाख 96 हजार 483 मूर्तियां पूरे मुंबई में स्थापित हुई थी जबकि इस साल दो साल कोरोना महामारी खत्म होने के बाद लोगो में त्योहार को लेकर भारी उत्साह के बावजूद इस साल कुल 1 लाख 93 हजार 62 मूर्तियां ही पूरे शहर में स्थापित हुई जिससे माना जा रहा है कि महंगाई के चलते कम लोगो ने अपने घरों में अथवा सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां स्थापित की।
कृत्रिम तालाब में विसर्जन का बढ़ा रुझान
पर्यावरण को हानि न हो इसके लिए मूर्तियो का विसर्जन अधिक मात्रा में कृत्रिम तालाब में हो इसमें मनपा प्रशासन को सफलता मिलती दिखाई दे रही है इस साल 66 हजार 127 मूर्तियो का कृत्रिम तालाब में विसर्जन हुआ। जबकि 2021 में 82 हजार 61 मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में हुआ ।पिछले साल समुद्री किनारों पर विसर्जन के लिए प्रतिबंध लगा हुआ था।बावजूद इसके भारी मात्रा में लोगो ने चौपाटियो में विसर्जन किया था। पिछले दो साल कोरोना के कारण चौपाटी पर विसर्जन करने पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
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