महाराष्ट्र

शिवसेना के इतिहास की सबसे बड़ी बगावत जानिए क्या है?

Teja
7 July 2022 10:27 AM GMT
शिवसेना के इतिहास की सबसे बड़ी बगावत जानिए क्या है?
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महाराष्ट्र का महाफैसला

शिवसेना विधायकों की बगावत से शुरू महाराष्ट्र के सियासी नाटक का बुधवार रात पटाक्षेप हो गया। साढ़े 3 घंटे सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 30 जून का बहुमत परीक्षण होगा। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कुछ देर बाद उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनों से मिली पीड़ा जताई और सीएम पद और विधान परिषद सदस्यता छोड़ने का ऐलान कर दिया। यह शिवसेना के इतिहास की सबसे बड़ी बगावत एकनाथ शिंदे की अगुआई में हुई जिस बगावत ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया, वह पार्टी के 56 साल के इति‍हास की चौथी लेकिन सबसे बड़ी बगावत है। इससे पहले की तीनों बगावत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के सामने हुई थीं।

1991 में छगन भुजबल ने शिवसेना के 18 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ी। 12 उसी दिन पार्टी में लौट आए।
2005 में नारायण राणे कांग्रेस में चले गए। बाद में राणे भाजपा में शामिल हुए और अभी केंद्रीय मंत्री हैं।
2006 में राज ठाकरे ने श‍िवसेना छोड़ मनसे बनाई। 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा की 13 सीटें जीतीं।
2022 में ठाणे से 4 बार के विधायक शिंदे की अगुवाई में बगावत के बाद ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा।
भाजपा आज पेश कर सकती है सरकार का दावा उद्धव के इस्तीफे के बाद मुंबई के होटल में भाजपा और निर्दलीय विधायकों के साथ मौजूद फडणवीस और प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने एक-दूसरे काे मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। गुरुवार को भाजपा फडणवीस के नेतृत्व में सबसे बड़ी पार्टी (106) होने के चलते सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। इससे पहले भाजपा और शिंदे गुट के 39 शिवसेना और 11 निर्दलीय विधायकों की बैठक भी हो सकती है। बहुमत के लिए 144 विधायक चाहिए। भाजपा को 156 विधायकों का समर्थन है। फडणवीस 1 जुलाई को शपथ ले सकते हैं।



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