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महाराष्ट्र
फिरौती के लिए सात साल के मासूम बच्चे का अपहरण और हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार
Rani Sahu
10 Sep 2022 1:10 PM GMT

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पिंपरी: खेलने के लिए नीचे जाने की बात कहकर घर से निकला 7 साल का बच्चा अचानक लापता हो गया। बाद में उसे अगवा (Kidnapping) किए जाने की पुष्टि हुई और 29 घंटे बाद सीधे उसका शव (Dead Body) मिला। इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के पिता से 20 करोड़ रुपए की फिरौती (Ransom) मांगी थी। यह घटना गुरुवार (8 सितंबर) शाम करीब साढ़े सात बजे पिंपरी-चिंचवड शहर में घटी है। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। बच्चे का शव शुक्रवार की देर रात मिला। पता चला कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है। ऐन गणेशोत्सव के दौरान एक बच्चे के अपहरण और हत्या की घटना ने पूरे शहर में कोहराम मचा दिया है।
अपहृत लड़के की पहचान आदित्य गजानन ओगले (उम्र 7) के रूप में हुई है। उसके पिता गजानन श्रीकांत ओगले (49) ने आदित्य के अपहरण को लेकर पिंपरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के नाम मंथन किरण भोसले (निवासी मासुलकर कॉलोनी, पिंपरी, पुणे) और अनिकेत श्रीकृष्ण समुद्रे (निवासी घरकुल, निगडी, पुणे) हैं। बच्चे के गुमशुदा होने के बाद उसकी फोटो और गुमशुदगी की जानकारी देनेवाली पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। पोस्ट करने वालों ने इसकी भी परवाह नहीं की उनकी इस हरकत से बच्चे की जान के लिए खतरा हो सकता है।
पुलिस ने खंगाला सीसीटीवी फुटेज
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आदित्य गुरुवार की शाम घर से यह कहकर बिल्डिंग से नीचे आ गया कि वह खेलने जा रहा है। उसके बाद जब वह वापस घर नहीं आया तो उसके माता-पिता ने तलाश शुरू कर दी, लेकिन यह नहीं मिला। इसके चलते आदित्य के माता-पिता पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालकर और तकनीकी जांच कर मंथन भोसले के संदिग्ध के रूप मे गहन पूछताछ की। उस समय पता चला कि अपहरण करने के बाद गला दबाकर आदित्य की हत्या कर दी गई है। कल देर रात आदित्य का शव भोसरी एमआईडीसी में एक कंपनी की खाली पड़ी इमारत की छत पर मिला। इसके बाद पुलिस ने मंथन और उसके साथी अनिकेत को गिरफ्तार कर लिया।
20 करोड़ की मांगी फिरौती
पुलिस ने बताया कि आदित्य के पिता गजानन ओगले एक बिल्डर हैं। आदित्य के लापता होने के बाद उसके परिवार वालों को फोन पर 20 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। इसलिए इसे फिरौती के लिए किए गए अपहरण की वारदात प्रतीत हो रही है। हालांकि पुलिस को इसमें कुछ और ही शक है क्योंकि आरोपी मंथन और आदित्य एक ही सोसायटी की एक ही बिल्डिंग में रहते थे। आदित्य के लापता होने के बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी। पिंपरी थाने की स्थानीय जांच टीम (डीबी) और क्राइम ब्रांच का एंटी गैंग स्क्वॉड और अन्य टीमें मामले की समानांतर जांच कर रही थी।
29 घंटे बाद मिली बच्चे की लाश
29 घंटे की इस जांच पड़ताल के बाद आरोपियों तक तो पुलिस पहुंच गई, लेकिन आदित्य की लाश मिली। इस मामले के दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पिंपरी पुलिस मामले की गहनता से छानबीन में जुटी हुई है।
इंजीनियरिंग का छात्र है मुख्य आरोपी
अपहरण और हत्या की इस वारदात की वजह फिरौती के साथ साथ मुख्य आरोपी मंथन भोसले (20) जो इंजीनियरिंग का छात्र है, और वारदात का शिकार हुए आदित्य के बीच पारिवारिक विवाद भी बताई जा रही है। इसकी जानकारी देते हुए पिंपरी- चिंचवड पुलिस के अपर पुलिस आयुक्त डॉ. संजय शिंदे ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आरोपी मंथन मासुलकर कालोनी की उसी ग्रीन फील्ड सोसायटी में रहता है जहां आदित्य ओगले का परिवार रहता है। उसका सोसायटी के सदस्यों और खासकर छोटे बच्चों के साथ बर्ताव ठीक न था। इसके चलते उसका सोसायटी के सदस्यों और आदित्य के पिता गजानन ओगले जो एक बिल्डर और एक नामी कंपनी के मैनेजर हैं, के साथ विवाद हो चुका है। यहां तक कि उसे छह माह के लिए सोसाइटी से बहिष्कृत भी किया गया था। गजानन को सबक सिखाने और उनसे पैसे ऐंठने के लिए उसने अपने साथी अनिकेत समदर के साथ मिलकर उनके बेटे को अगवा किया और उसकी हत्या कर दी।
आरोपी नशे का आदी
उसके नशे (ड्रग एडिक्ट) के आदी रहने की बात सामने आ रही है। फिलहाल इस मामले की जांच प्राथमिक स्तर पर है, पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा, ऐसा डॉ. शिंदे ने स्पष्ट किया। आरोपी ने 20 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए चिखली में दिहाड़ी काम करनेवाले एक मजदूर के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया और उस नंबर से फिरौती का व्हाट्सएप मेसेज भेजा था। इस नंबर की तकनीकी जांच, विश्लेषण और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची, यह भी उन्होंने बताया। वारदात को सुलझाने में पिंपरी पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच के तीन यूनिट (1,2,4), एंटी गुंडा स्क्वाड, अनैतिक मानवी प्रतिबंध सेल, सायबर सेल आदि 10 टीमें जुटी रही।
नवभारत.कॉम
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