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बच्चे का मौलिक मानवाधिकार है कि उसे माता-पिता दोनों की देखभाल और सुरक्षा मिले: हाईकोर्ट
Harrison
16 Sep 2023 9:27 AM GMT
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मुंबई | बंबई उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा कि ‘बच्चे के बेहतर हित’ का अर्थ अपने आप में काफी व्यापक है और इसे उसकी देखरेख करने वाले माता-पिता के प्यार और देखभाल के दायरे तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता। अदालत ने कहा कि यह बच्चे का मौलिक मानवाधिकार है कि उसे माता-पिता दोनों की देखभाल और सुरक्षा मिले।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की एक खंडपीठ ने एक महिला को उसके साढ़े तीन साल के बेटे का संरक्षण 15 दिनों के भीतर अमेरिका में रह रहे उसके पूर्व पति को वापस देने का निर्देश दिया।
अदालत का यह आदेश पिता द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया गया। पिता ने अपनी याचिका में दावा किया कि उसके और उसकी पूर्व पत्नी के बीच एक समझौता हुआ था कि उनका बेटा अपनी मां के साथ अमेरिका में रहेगा। बच्चे को जन्म से ही अमेरिका नागरिकता प्राप्त है।
व्यक्ति ने अपनी याचिका में कहा कि इस समझौते के बावजूद उसकी पूर्व पत्नी बच्चे के साथ भारत आ गई और लौटने से मना कर दिया।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि बच्चे की भलाई इसी में है कि वह वापस अमेरिका जाए, जहां उसका जन्म हुआ है।
अदालत ने कहा कि अगर महिला अपने बच्चे के साथ रहना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है और पीठ ने व्यक्ति को उसे व उसके बच्चे को निवास और मासिक भत्ता मुहैया कराने का निर्देश दिया।
इस मामले में मां का उदाहरण देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘बच्चे का बेहतर हित’ हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, जो अपने आप में व्यापक है और इसे सिर्फ माता-पिता के प्यार व देखभाल के दायरे तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है।
दंपत्ति ने 31 मार्च 2010 को मुंबई में शादी की थी और वे 16 जून 2010 को अमेरिका चले गए थे। अक्टूबर 2020 में उन्हें अपना ग्रीन कार्ड प्राप्त हुआ, जिसकी बदौलत वह स्थायी रूप से अमेरिका में रह सकते थे। उन्होंने टेक्सास में रहना शुरू किया और 25 दिसंबर 2019 को बच्चे का जन्म हुआ था।
महिला 13 जनवरी 2021 के वापसी टिकट के साथ अपने बेटे को लेकर 21 दिसंबर 2020 को भारत लौट आई। तीन दिन बाद उसने अपने पति को सूचित किया कि वह उससे संपर्क करने की कोशिश न करे।
Tagsबच्चे का मौलिक मानवाधिकार है कि उसे माता-पिता दोनों की देखभाल और सुरक्षा मिले: हाईकोर्टIt is the fundamental human right of the child to have the care and protection of both parents: High Court.ताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday's NewsNew News
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