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फोन टेपिंग मामले में IPS रश्मि शुक्ला की मुश्किलें बढ़ीं ,कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
मुंबई । महाराष्ट्र के पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त और वर्तमान सीआरपीएफ की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला की मुश्किलें बढ़ गई हैं. महाराष्ट्र के चर्चित फोन टेपिंग मामले में फिर एक नई जांच का आदेश दिया गया है. यह आदेश पुणे सत्र न्यायालय ने दिया है. इससे पहले पुलिस ने इस मामले में अदालत को क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी और कहा था कि कोई सबूत नहीं हैं. इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अब जमा किए गए कागजात को फिर से जांच अधिकारियों को सौंपने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे
तब मार्च 2016 से 2018 के बीच कुछ प्रमुख नेताओं अधिकारियों और पत्रकारों के फोन टेपिंग किए गए थे. इसी फोन टेपिंग मामले में रश्मि शुक्ला पर आरोप है. जांच और पूछताछ के दौरान तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे ने यह स्टेटमेंट दिया है कि रश्मि शुक्ला ने उन्हें फोन टेप करने के निर्देश दिए थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने साल 2021 में इस मामले को सदन में उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि देवेंद्र फडणवीस के कहने पर उनके फोन रश्मि शुक्ला ने टेप करवाया है. इस फोन टेपिंग मामले में बीजेपी के कुछ बड़े नेता एनसीपी के कुछ नेता और कांग्रेस के नाना पटोले का नाम शामिल है. जिन लोगों को फोन टेप किए जाने के आरोप हैं उनमें नाना पटोले रावसाहेब दानवे के पीए बीजेपी सांसद संजय काकडे प्रहार संगठन के अध्यक्ष और विधायक बच्चू कडू आशिष देशमुख के नाम हैं.
इनके अलावा कुछ सरकारी अधिकारी और कुछ पत्रकारों के भी फोन टेप किए जाने के आरोप हैं. इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. उस वक्त तत्कालीन पुलिस महानिदेशक संजय पांडे जांच समिति के प्रमुख थे. समिति की जांच के बाद पुणे की पुलिस निरीक्षक वैशाली चांदगुडे ने 25 फरवरी 2022 को पुणे के बंड गार्डन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. लेकिन जुलाई 2022 में राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद पुणे पुलिस ने रश्मि शुक्ला को इस मामले में क्लीन चिट देकर पुणे कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दिया. लेकिन कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को ठुकरा दिया और रश्मि शुक्ला को क्लीन चिट देने से मना कर दिया.
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